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Onion prices: प्याज के दाम पांच साल के हाई पर, नवंबर में महंगाई बढ़ने की आशंका

प्याज के साथ आलू और खाने के तेल के दाम भी नवंबर में ऊंचे बने रहने की संभावना है।

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रिमझिम सिंह   
Last Updated- November 08, 2024 | 8:58 PM IST

देश के कई बाजारों में प्याज के दाम चार दिनों में 21% बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा हो गए हैं, जो पिछले पांच साल में सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्याज के बढ़ते दाम नवंबर में महंगाई दर को प्रभावित कर सकते हैं।

प्याज के साथ आलू और खाने के तेल के दाम भी नवंबर में ऊंचे बने रहने की संभावना है। नवंबर में सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी जारी है। भारत के सबसे बड़े प्याज बाजार, लासलगांव में, पुराने प्याज के दाम 4 नवंबर को 47.70 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 7 नवंबर को 57.70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गए।

किसानों को उम्मीद थी कि इस साल खरीफ फसल का उत्पादन बेहतर होगा, लेकिन सितंबर में भारी बारिश ने प्याज की क्वालिटी पर असर डाला और नई फसल की आवक में देरी की। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूसर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि बारिश ने प्याज की क्वालिटी और समय पर फसल के आने में बाधा पहुंचाई है।

हाई CPI की आशंका

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) सितंबर के 5.5% से अधिक रहने की संभावना है। सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोतरी को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।

सब्जियों की महंगाई से थाली की कीमतों में बढ़ोतरी

क्रिसिल के अनुसार, अक्टूबर में सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण शाकाहारी थाली की कीमत में 20% और मांसाहारी थाली की कीमत में 5% की वृद्धि हुई है। प्याज, टमाटर, आलू और खाना पकाने के तेल की ऊंची कीमतें इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं।

बेंगलुरु के एक प्याज व्यापारी एस अननदन ने बताया कि भारी बारिश ने प्याज की क्वालिटी को प्रभावित किया है, जिससे कीमतों में काफी अंतर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नई फसल की कीमत क्वालिटी के हिसाब से 10-60 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है, जबकि पुरानी फसल 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम में बिक रही है। व्यापारियों के अनुसार, विभिन्न बाजारों में त्योहारों के चलते बंद होने से भी आपूर्ति में कमी आई है।

टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव

नासिक के पिंपलगांव एपीएमसी में टमाटर के दाम एक हफ्ते में 25% बढ़कर 1 नवंबर के 20 रुपये प्रति किलोग्राम से 6 नवंबर को 26 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। हालांकि, यह कीमतें अक्टूबर की शुरुआत में दर्ज 50 रुपये प्रति किलोग्राम के हाई से काफी कम हैं। दिल्ली में टमाटर के दाम 48 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं, जबकि मुंबई और बेंगलुरु जैसे बाजारों में दाम 20-25 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हैं।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि टमाटर के दाम नवंबर के भीतर स्थिर हो सकते हैं, लेकिन आलू की कीमतों को स्थिर होने में अधिक समय लग सकता है। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस और एनालिटिक्स के रिसर्च डायरेक्टर पुषन शर्मा ने कहा कि प्याज की नई फसल मंडियों में आने से प्याज के दामों में गिरावट आ सकती है, जबकि आलू की कीमतों को स्थिर होने में अधिक समय लगेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 10-15 दिनों में प्याज और टमाटर की कीमतों में स्थिरता आ सकती है क्योंकि आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है।

First Published : November 8, 2024 | 8:58 PM IST