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पाकिस्तान से कश्मीर मुद्दे पर कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं! भारत का स्पष्ट संदेश – POK करो खाली, तभी बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्देश दिया है कि पाकिस्तान की हर कार्रवाई का अधिक सख्ती से जवाब दिया जाए और अगर वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला चलेगा।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- May 11, 2025 | 10:37 PM IST

पाकिस्तान से सैन्य टकराव रोकने पर बनी सहमति के बीच भारत ने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर कभी भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बातचीत का एकमात्र मुद्दा यह है कि पाकिस्तान अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर को वापस करे। भारत ने इस पर जोर दिया है कि कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय है।  

इस घटनाक्रम का ऐलान सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने किया था। उन्होंने शनिवार को कहा था कि अमेरिकी मध्यस्थता के बाद दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश ‘पूर्ण और तत्काल युद्ध विराम’ पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल संघर्ष विराम और तटस्थ स्थल पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गई हैं।

सूत्रों ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ केवल सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) स्तर पर बातचीत होगी, किसी और मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद जारी रहने तक सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन जारी रखते हुए अपने पसंद के क्षेत्रों में सहयोग की उम्मीद नहीं कर सकता।

सूत्रों ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्देश दिया है कि पाकिस्तान की हर कार्रवाई का अधिक सख्ती से जवाब दिया जाए और अगर वहां से गोली चलेगी तो यहां से गोला चलेगा। 

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति के किसी भी उल्लंघन की स्थिति में सैन्य अधिकारियों को जवाबी कार्रवाई करने की पूरी छूट दी गई है। एयर मार्शल एके भारती ने कहा, ‘हमारी वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले की कोशिशों को नाकाम कर दिया और बीते दिनों की कार्रवाई में हमने कुछ पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया।’

सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कहा कि 7 से 10 मई के बीच दोनों पक्षों के बीच सैन्य हमलों में पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 कर्मियों के मारे जाने की खबर है। घई ने कहा कि संघर्ष रोकने का आग्रह पाकिस्तान की ओर से किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय सरजमीं पर सीमा पार से आतंकवादी हमला हुआ तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। घई ने कहा कि 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले में 100 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर है जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे आतंकवादी भी शामिल हैं। 

इससे पहले एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल सीमा के पास पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया बल्कि उनकी ताकत पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय की मौजूदगी वाले रावलपिंडी में भी महसूस की गई। 

First Published : May 11, 2025 | 10:37 PM IST