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Myanmar Earthquake: भूवैज्ञानिक का खुलासा, 334 परमाणु बमों जितनी ताकत वाला था म्यांमार भूकंप

Myanmar Earthquake: भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के मुताबिक, यह भूकंप भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव का नतीजा है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 30, 2025 | 4:51 PM IST

Myanmar Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप ने 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा छोड़ी। भूवैज्ञानिक जेस फीनिक्स के मुताबिक, यह भूकंप भारतीय टेक्टोनिक प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव का नतीजा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि आफ्टरशॉक्स यानी झटके महीनों तक जारी रह सकते हैं।

इस आपदा में अब तक 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,400 से ज्यादा लोग लापता हैं। राहत और बचाव कार्यों के चलते आंकड़े बढ़ने की आशंका है।

मांडले में बेघर हुए हजारों लोग, आफ्टरशॉक्स का डर

देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में सैकड़ों इमारतें या तो जमींदोज हो गईं या भारी क्षतिग्रस्त हैं। आफ्टरशॉक्स के डर से लोग घरों में लौटने से कतरा रहे हैं। रविवार को 5.1 तीव्रता के झटके से दहशत का माहौल और गहरा गया। लोग चीखते हुए सड़कों पर आ गए।

गृहयुद्ध के कारण राहत कार्यों में भारी दिक्कत

म्यांमार में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध ने राहत कार्यों को और मुश्किल बना दिया है। जेस फीनिक्स ने CNN से बातचीत में कहा, “जहां हालात सामान्य तौर पर भी चुनौतीपूर्ण होते, वहां अब स्थिति लगभग नामुमकिन हो गई है।”

म्यांमार में 1948 में आजादी के बाद से ही कई जातीय समूहों के बीच संघर्ष जारी है। 1 फरवरी 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद हालात और बिगड़े। वर्तमान में 2,600 से ज्यादा विद्रोही समूह सक्रिय हैं, जो सरकार के खिलाफ हथियारबंद संघर्ष कर रहे हैं।

अस्पतालों में दवाइयों की भारी किल्लत, एयरपोर्ट भी बंद

कई इलाकों तक राहत टीमें नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे में स्थानीय लोग ही राहत कार्यों में जुटे हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है और जरूरी मेडिकल सामान की भारी कमी है – जैसे ट्रॉमा किट, खून के बैग, बेहोशी की दवाएं और अन्य जरूरी चीजें। मांडले एयरपोर्ट को नुकसान पहुंचा है और नेपीतॉ का एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर गिर गया है, जिससे उड़ानें बंद हो गई हैं।

भारत, चीन और रूस की मदद शुरू, संयुक्त राष्ट्र भी सक्रिय

अंतरराष्ट्रीय मदद धीरे-धीरे पहुंच रही है। भारत ने दो C-17 विमान भेजे हैं, जिनमें फील्ड हॉस्पिटल और मेडिकल स्टाफ मौजूद हैं। चीन ने 135 से ज्यादा राहतकर्मी और 13.8 मिलियन डॉलर (करीब ₹115 करोड़) की मदद भेजी है। रूस ने 120 बचावकर्मी और मेडिकल टीम भेजी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा नुकसान हुआ है।

विपक्ष ने की सीज़फायर की अपील, लेकिन सेना के हमले जारी

म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट ने राहत कार्यों के लिए आंशिक सीज़फायर की घोषणा की है। हालांकि सैन्य शासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है और एयरस्ट्राइक जारी हैं।

First Published : March 30, 2025 | 4:51 PM IST