facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Tata Capital, Shree Cement, PNB हाउसिंग फाइनेंस समेत बाजार में आज इन कंपनियों पर रहेगा फोकसBihar Elections 2025: महागठबंधन का घोषणा पत्र, परिवार के एक सदस्य को नौकरी; शराबबंदी की होगी समीक्षासर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिकदिल्ली में बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग, 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर बादल बरसने की उम्मीद8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 18 महीने में देगा सिफारिश; 50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभडीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहतरिलायंस जल्द करेगी जियो आईपीओ का रोडमैप फाइनल, आकार और लीड बैंकर पर निर्णय साल के अंत तक!आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकारQ2 Results: टीवीएस मोटर का मुनाफा 42% बढ़ा, रेमंड रियल्टी और अदाणी ग्रीन ने भी दिखाया दम; बिड़ला रियल एस्टेट को घाटाBS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चा

Monsoon Withdrawal: सप्ताह भर देरी से लौट रहा मॉनसून

मॉनसून की वापसी एक सप्ताह पहले होनी थी।

Last Updated- September 23, 2024 | 11:32 PM IST
Weather: Monsoon rainfall in Mumbai

देश के अधिकतर हिस्सों में झमाझम बारिश के बाद आज पश्चिमी राजस्थान और कच्छ के कुछ इलाकों से दक्षिण पश्चिम मॉनसून की वापसी होने लगी है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि मॉनसून की वापसी एक सप्ताह पहले होनी थी।

जून में केरल से शुरू होने के बाद मॉनसून की वापसी चार महीने बाद हो रही है। 23 सितंबर तक देश में कुल मिलाकर पांच फीसदी अधिक बारिश हुई है और पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर देश के सभी हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

मंगलवार तक पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और असम जैसे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के बड़े राज्यों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य से 13 फीसदी कम बरसा। इसके तहत 1 जून से 23 सितंबर तक के बीच सबसे कम 30 फीसदी बारिश अरुणाचल प्रदेश में हुई है और उसके बाद 28 फीसदी कम बारिश बिहार में हुई।

देश में अच्छी बारिश होने से हाल के दिनों में खरीफ फसलों की बोआई भी अपने शीर्ष स्तर पर पहुंच गई है। मॉनसून में हुई झमाझम बारिश से कई जलाशय भी भर गए हैं, जो अगली रबी फसलों की बोआई के लिए भी अच्छा संकेत माना जा रहा है। देर से मॉनसून की बारिश बढ़ने से मिट्टी की बची हुई नमी के स्तर को भी फायदा मिला है।

20 सितंबर तक (सरकार आंकड़े आखिरी बार जारी हुए थे) कुल मिलाकर 11.04 करोड़ हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोआई हुई, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1.51 फीसदी और इन फसलों के सामान्य रकबे से 0.80 फीसदी अधिक है। सामान्य रकबा पिछले पांच वर्षों (साल 2018-19 से साल 2022-23 तक) का औसत रकबा है।

इस बार सर्वाधिक फायदा धान, मूंगफली, अरहर, सोयाबीन और मक्का को हुआ है। इन फसलों के बंपर उत्पादन से सरकार को निर्यात और घरेलू व्यापार पर कुछ सख्त प्रतिबंधों को ढील देने में भी मदद मिलेगी, जो सरकार ने पिछले साल उम्मीद से कम उत्पादन होने के कारण लगाए थे। केंद्र सरकार पहले से ही बासमती चावल और प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म कर कुछ प्रतिबंधों को ढील देने की प्रक्रिया में है।

First Published - September 23, 2024 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट