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मोदी ने की मौसम विभाग की सराहना

विभाग ने सोमवार को 'पंचायत मौसम सेवा' शुरू करते हुए अपनी 150वीं वर्षगांठ समारोह का आगाज किया।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- January 15, 2024 | 11:07 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के प्रति असाधारण सेवाओं के लिए मौसम विभाग की सराहना की। उन्होंने सोमवार को कहा कि मौसम विभाग ने लोगों के जीवन की सुरक्षा और जलवायु संबंधी अनुसंधान को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विभाग ने सोमवार को ‘पंचायत मौसम सेवा’ शुरू करते हुए अपनी 150वीं वर्षगांठ समारोह का आगाज किया। पंचायत मौसम सेवा का उद्देश्य देश के हरेक गांव के हरेक किसान को मौसम संबंधी पूर्वानुमान देना है। इसके अलावा विभाग ने हरेक क्षेत्र एवं गतिविधि में जलवायु संबंधी जानकारी को मुख्यधारा में लाने के लिए जलवायु सेवाओं पर एक राष्ट्रीय फ्रेमवर्क को भी शुरू किया।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मौसम विभाग की स्थापना के 150 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मौसम विभाग के प्रभाव का दायरा अब महज पूर्वानुमानों से कहीं आगे निकल चुका है। उन्होंने कहा कि विभाग अब एक ऐसे सुरक्षा जाल के रूप में उभरा है जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए नागरिकों को प्रकृति के प्रकोप से बचाता है।

धनखड़ ने कहा कि एक ऐसा भी दौर था जब वैज्ञानिक प्रगति के अभाव के कारण मौसम कार्यालय द्वारा जारी बारिश संबंधी पूर्वानुमान अक्सर सही साबित नहीं होता था। मगर आज विभाग की भविष्यवाणियां सेकंडों में भी सटीक होती हैं।

उपराष्ट्रपति ने मौसम कार्यालय की चक्रवात निगरानी सेवा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मैं देख सकता हूं कि मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारियों के आधार पर किस प्रकार तटरक्षक बल, नौसेना, वायु सेना और आपदा प्रबंधन एजेंसियां मिलकर काम करती हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि गहरे समुद्र में एक भी जिंदगी न जाए। विभाग के पूर्वानुमानों के कारण तटीय इलाकों को खाली कराने में काफी मदद मिली और शायद ही किसी जहाज को नुकसान हुआ।’

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि भारत अपने मौसम अवलोकन नेटवर्क के विस्तार और अधिक ताकतवर कंप्यूटिंग प्रणालियों की खरीद के जरिये मौसम की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं का पता लगाना और पूर्वानुमान जारी करना चाहता है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान मौसम विभाग के पूर्वानुमान की सटीकता में 40 फीसदी का सुधार हुआ है।

मगर बादल फटने जैसी घटनाओं के लिए पूर्वानुमान जारी करना अब भी चुनौतीपूर्ण है। रिजिजू ने इस चुनौती से निपटने के लिए डॉप्लर रडार के नेटवर्क में विस्तार एवं स्वचालित मौसम स्टेशनों के महत्त्व को उजागर किया।

First Published : January 15, 2024 | 11:07 PM IST