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Modi 3.0: अग्निपथ योजना और सैन्य सुधार पर होगा जोर

मोदी सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का विपक्षी दलों और देश के कई क्षेत्रों में युवाओं ने किया था कड़ा विरोध

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भास्वर कुमार   
Last Updated- June 09, 2024 | 10:24 PM IST

सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को लेकर उठी चिंताओं को दूर करना और लंबे समय से अटकी एकीकृत थियेटर कमान को वास्तविक रूप देना केंद्र में बनने वाली नई राजग सरकार के रक्षा मंत्री की प्रमुख चुनौतियों में शामिल होगा।

हालिया लोक सभा चुनावों में बहुमत से थोड़ा दूर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सरकार बनाने के लिए सहयोगियों की मदद लेनी पड़ रही है, जिन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर चिंता जताई थी। साथ ही विपक्षी दलों ने भी इस योजना की कड़ी आलोचना की और चुनाव के दौरान मतदाताओं से वादा किया था कि यदि केंद्र में उनकी सरकार बनी तो इस योजना को रद्द कर दिया जाएगा।

जदयू ने भले ही केंद्र में बनने वाली नई राजग सरकार को बिना शर्त समर्थन देने की बात कही हो, लेकिन बीते गुरुवार को ही उसने अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग उठा दी। पत्रकारों से बात करते हुए जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा, ‘अग्निपथ योजना को लेकर मतदाताओं के एक वर्ग में बेचैनी साफ झलकती है। हमारी पार्टी चाहती है कि आम लोगों द्वारा इस योजना को लेकर उठाए गए सवालों पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और कमियों को फौरन दूर किया जाना चाहिए।’

उसी दिन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को भी यह कहते सुना गया कि उचित समय पर अग्निपथ योजना की समीक्षा होनी चाहिए।

अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार जून 2022 में अग्निपथ योजना लेकर आई थी। इसके तहत सशस्त्र बलों में 17.5 से 21 वर्ष आयु के पुरुष और महिला को ऑफिसर रैंक से नीचे चार साल के लिए भर्ती किए जाने की व्यवस्था की गई है।

इनमें चार साल पूरे होने पर 25 प्रतिशत को ही अगले 15 वर्षों के लिए सेना में रखे जाने जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को अग्निवीर कहा जाता है।
इस योजना का मकसद सशस्त्र बलों की युवा प्रकृति को बनाए रखना है। इसके अलावा, वेतन और पेंशन के खर्च में भी कटौती लाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है। इस योजना की घोषणा के साथ ही देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। युवाओं ने बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया था।

सशस्त्र बलों का थियेटराइजेशन

नए रक्षा मंत्री की एक और चुनौती लंबे से समय से अटकी सशस्त्र बलों की थियेटराइजेशन योजना को लागू करना है। इसके तहत 17 लाख फौजियों वाले सुरक्षा बलों में एक एकीकृत थियेटर कमान का गठन किया जाएगा। यह योजना देश में सबसे बड़ा सैन्य सुधार होगी। ये थियेटर कमान सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ जोड़ने में मदद करेंगे।

भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सैन्य बलों के लिए थियेटर कमान बनाने का वादा किया था। बीते 4 मई को तत्काली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा था कि थियेटराइजेशन प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।

सेना, वायुसेना और नौ सेना के बीच इस योजना को लेकर आम सहमति बन रही है। यह अलग बात है कि उन्होंने इस योजना का लागू करने की तारीख बताने से इनकार कर दिया था। उन्होंने सतर्क करते हुए कहा था कि ऐसे भी देश हैं जिन्हें इस तरह की योजना को लागू करने में 20-20 साल लग गए।

First Published : June 9, 2024 | 10:24 PM IST