सावन की रिमझिम फुहारों के बीच महाराष्ट्र के सबसे बड़े सार्वजनिक पर्व गणेशोत्सव की तैयारियां शुरु हो गई। सार्वजनिक गणेशोत्सव को मंडप स्थापित करने की अनुमित के आवेदन पत्र मंगलवार से ऑनलाइन जमा होने शुरु हो गए हैं। पिछले 10 वर्षों से सरकारी नियमों और कानूनों का पालन करने वाले सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को इस वर्ष से अगले पांच साल तक का परमिशन दिया जाएगा। गणेशोत्सव 7 सितंबर से शुरू हो रहा है।
सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल मंडप स्थापना के लिए बीएमसी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कम्प्यूटरीकृत सिंगल विंडो आवेदन सुविधा 6 अगस्त से शुरु कर दी गई है।
वर्ष 2024 की बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति की बैठक के बाद मुंबई उपनगर के पालकमंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने कहा कि नगर निगम ने पिछले दस वर्षों में किसी भी नियम-कानून का उल्लंघन नहीं करने वाले सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को ही पांच साल के लिए मंडप लाइसेंस देने की घोषणा की है। पिछले वर्ष रामनवमी उत्सव के लिए नगर निगम के मैदान में बनाये जाने वाले मंडप के किराये में 50 प्रतिशत की छूट और निःशुल्क अग्निशमन सेवा दी गयी थी। उसी तर्ज पर इस वर्ष भी गणेशोत्सव मनाने के लिए गणेशोत्सव मंडलों को यह छूट दी जानी चाहिए।
बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने कहा कि सार्वजनिक या निजी स्थानों पर गणेशोत्सव मनाने वाले समूहों को स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा कि उन्होंने पिछले दस वर्षों में सभी नियमों और कानूनों का पालन किया है और उनके खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। परमिशन को हर साल रिन्यू कराना होगा।
गणेशोत्सव मंडलों से वर्ष 2024 के लिए केवल 100 रुपये का शुल्क लिया जाएगा । सिंगल विंडो योजना के माध्यम से प्राप्त आवेदनों की जांच जोनल कार्यालय द्वारा की जाएगी। इसके बाद स्थानीय पुलिस स्टेशन और यातायात पुलिस विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र ऑनलाइन प्राप्त किया जाएगा और संबंधित नियमों के अनुसार मंडप निर्माण के लिए अनुमति दी जाएगी।
इस वर्ष पहली बार सार्वजनिक उत्सव मनाने वाले गणेश मंडलों को दी जाने वाली अनुमति केवल इस वर्ष तक ही सीमित रहेगी। इसके अलावा, जिन मंडपों को निजी भूमि पर अनुमति प्राप्त है, उन्हें त्योहार से पहले निर्धारित अवधि के भीतर भूमि मालिक या सोसायटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र, यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिस से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होगा।
गणेशोत्सव को पर्यावरण अनुकूल मनाने पर जोर दिया जा रहा है। गणेश प्रतिमाएं बनाने वाले मूर्तिकारों को निःशुल्क शाडू मिट्टी, निःशुल्क मंडप स्थान (पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर) उपलब्ध कराया गया है। मूर्ति निर्माताओं को दी गई अनुमति नवरात्रि तक वैध रहेगी। उनके लिए सिंगल विंडो योजना भी लागू की गई है। बीएमसी के पास 217 मूर्तिकारों ने मुफ्त शाडू मिट्टी के लिए अनुरोध किया है। अब तक लगभग 500 टन मुफ्त शाडू मिट्टी दी गई है। इस वर्ष शाडू मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग बढ़ेगी।
पीओपी की मूर्तियों के विसर्जन पर प्रतिबंध है इसके बावजूद इसका सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है। बॉम्बे उच्च न्यायालय विसर्जित की जाने वाली धार्मिक मूर्तियों के निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होने के बावजूद इसके इस्तेमाल पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 12 मई, 2020 को मूर्ति विसर्जन के लिए संशोधित दिशा निर्देश जारी किए थे। जिसमें इन मूर्तियों के विसर्जन से जल में होने वाले अत्यधिक प्रदूषण के कारण पीओपी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।
राज्य सरकार का सांस्कृतिक कार्य विभाग वर्ष 2024 के गणेशोत्सव में भाग लेने वाले राज्य के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को सम्मानित करेगा। पहले तीन विजेताओं को क्रमश: 5 लाख, 2.5 लाख और 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
इसके अलावा 41 सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को राज्य सरकार की ओर से 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा। गणेशोत्सव मंडल 31 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। जिन सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को पिछले 2 वर्षों से लगातार पुरस्कार प्राप्त हुआ है, वे पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे।