महाराष्ट्र सरकार प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए काम के घंटे बढ़ाने की तैयारी कर रही है। अभी तक रोजाना अधिकतम 9 घंटे काम करने की अनुमति है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 घंटे करने का प्रस्ताव है। श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने बुधवार को बताया कि यह बदलाव वर्कप्लेस पर लचीलापन लाने और राज्य के श्रम कानूनों को अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड से जोड़ने के लिए किया जा रहा है।
यह प्रस्ताव मंगलवार को मुंबई में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पेश किया गया। इसके तहत महाराष्ट्र शॉप्स एंड एस्टैब्लिशमेंट्स (रेगुलेशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस) एक्ट, 2017 में बदलाव किए जाएंगे। यह कानून दुकानों, होटलों, मनोरंजन स्थलों और अन्य व्यवसायों में काम करने वाले कर्मचारियों पर लागू होता है।
अभी तक 10 या उससे कम कर्मचारियों वाली दुकानों और प्रतिष्ठानों पर यह कानून लागू नहीं था। लेकिन नए प्रस्ताव में यह सीमा बढ़ाकर 20 कर्मचारियों तक करने की बात कही गई है। यानी अब छोटे व्यवसाय भी इस दायरे में आएंगे।
प्रस्ताव में ओवरटाइम की सीमा 3 महीने में 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे करने का सुझाव है। इसके अलावा लगातार काम करने के नियमों में बदलाव और अनिवार्य ब्रेक का प्रावधान भी शामिल किया गया है। साथ ही, महिलाओं को देर रात तक काम करने की अनुमति देने की योजना पर भी विचार हो रहा है।
श्रम मंत्री आकाश फुंडकर ने स्पष्ट किया कि अभी किसी भी प्रस्ताव पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कई निजी कंपनियों में कर्मचारी तय समय से ज्यादा काम करते हैं, लेकिन उन्हें अतिरिक्त भुगतान नहीं मिलता। इसीलिए सरकार नए नियम बनाकर कामकाजी माहौल को और बेहतर बनाना चाहती है। अधिकारियों का मानना है कि इन बदलावों से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों की दिक्कतें कम होंगी और खासकर महिलाओं के लिए ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक कार्य वातावरण तैयार होगा। (PTI के इनपुट के साथ)