मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़

MP: केले की फसल खराब होने पर दोगुना मुआवजा

फसल नुकसान पर अधिकतम मुआवजे की सीमा भी पहले के 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।

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संदीप कुमार   
Last Updated- July 01, 2023 | 5:36 PM IST

चुनावी साल में मध्य प्रदेश सरकार ने केले की खेती करने वाले किसानों को राहत देने का फैसला किया है। कैबिनेट की हालिया बैठक में केला किसानों के फसल नुकसान का मुआवजा दोगुना करने का निर्णय लिया गया। इससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिलेगी लेकिन केले की फसल का बीमा किए जाने की उनकी मांग अब भी अधूरी है।

कैबिनेट ने रेवेन्यू बुक सर्कुलर में संशोधन करके केले की फसल के नुकसान पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाने का निर्णय लिया है। फसल को 25-33 फीसदी नुकसान होने पर 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33-50 फीसदी नुकसान पर 54,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और 50 फीसदी से अधिक नुकसान पर दो लाख रुपये प्रति हेक्टेयर देने की बात कही गई है।

फसल नुकसान पर अधिकतम मुआवजे की सीमा भी पहले के 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।

मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में केले की खेती की जाती है और पश्चिम एशिया के देशों में केले का निर्यात भी किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से धार, बड़वानी और बुरहानपुर आदि जिले आते हैं।

बुरहानपुर की जिलाधिकारी भाव्या मित्तल के अनुसार अूप्रैल में हुए बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिले में 2,200 हेक्टेयर से अधिक इलाके में केले की फसल को नुकसान पहुंचा था। उस समय केला पककर तैयार हो गया था।

हालांकि धार जिले में आठ एकड़ रकबे में केले की खेती करने वाले किसान श्रीराम जाट ने कहा, ‘बेमौसम बारिश ने अप्रैल में पूरी फसल खराब कर दी। अब तक हमारे इलाके में कोई सर्वेक्षण तक नहीं किया गया है। अब यह देखना होगा कि इन हालात में सरकार हर्जाने का वितरण किस प्रकार करती है।’

गौरतलब है कि केले की खेती काफी महंगी होती है और साल में केवल एक फसल होने के कारण इसमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है।

First Published : July 1, 2023 | 5:36 PM IST