Lok Sabha Election 2024: सत्तारूढ़ दल के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन (India Alliance) की जंग के बीच उत्तर प्रदेश में कुछ छोटे दलों ने मिलकर एक नए मोर्चे का गठन किया है। कुछ समय पहले समाजवादी पार्टी (SP) की बगलगीर रही पल्लवी व कृष्णा पटेल (Pallavi and Krishna Patel) की अपना दल कमेरावादी Apna Dal (Kamerawadi) ने असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की AIMIM के साथ मिल कर पीडीएम (PDM) के नाम से नया गठबंधन बना लिया है।
अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल और ओवैसी ने रविवार को राजधानी लखनऊ में इस नए गठबंधन का एलान किया। इस गठबंधन में कुछ अन्य छोटे दल भी शामिल हो गए हैं। अब इस गठबंधन की उत्तर प्रदेश में कम से कम 35 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। पल्लवी पटेल ने रविवार को साफ कहा कि उनकी रणनीति में वाराणसी व मिर्जापुर जैसी सीटें शामिल हैं।
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो मिर्जापुर में खुद पल्लवी पटेल की बहन व केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल एनडीए प्रत्याशी हैं। पिछड़ों में कुर्मी बिरादरी के बीच आधार रखने वाली पार्टी अपना दल दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक का नेतृत्व केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के हाथ में है तो दूसरे धड़े की कमान उन्हीं की बड़ी बहन पल्लवी पटेल व मां कृष्णा पटेल के पास है।
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उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (कमेरावादी) सपा के साथ थी और खुद पल्लवी पटेल सपा के ही सिंबल पर चुनाव जीत कर विधायक बनी थीं। बीते कुछ समय से पल्लवी पटेल और सपा प्रमुख अखिलेश यादव में बन नहीं रही थी। पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव पर राज्यसभा व विधान परिषद चुनावों में पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों की अनदेखी का आरोप लगाया था। उन्होंने अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) के नारे को छलावा बताया था। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में पल्लवी पटेल ने इंडिया गठबंधन में अपने लिए मिर्जापुर, फूलपुर व कौशांबी सीटें मांगी थीं।
रविवार को ओवैसी और पल्लवी पटेल ने कहा कि उनका गठबंधन प्रदेश में पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुसलमान) के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन सरकार के साथ ही मुख्य विपक्ष के भी खिलाफ है। गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव में सपा ने रामपुर, संभल, मुरादाबाद, आजमगढ़ सहित पांच सीटों पर जीत हासिल की थी जहां मुस्लिम मतों की खासी तादाद है। ओवैसी और पल्लवी पटेल के गठबंधन के बाद सपा को इन सीटों पर नुकसान हो सकता है। पीडीएम मोर्चे में राष्ट्र उदय पार्टी और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी जैसे छोटे दल भी शामिल हैं।