सिंगुर में जब भी बारिश होती है, सुनीता मलिक के घर में पानी जरूर घुसता है। उनके पति जो पेशे से बढ़ई हैं, वह रोज 40 किलोमीटर दूर कोलकाता जाते हैं ताकि उनका दाना-पानी चलता रहे।
सिंगुर जो एक समय भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के कारण पूरे देश में चर्चा में था, वहां इतना रोजगार भी नहीं कि स्थानीय रहवासी अपना पेट पाल सकें। इन सब बातों के बीच जब उनसे पूछा जाता है कि वह लोक सभा चुनाव में किसे वोट देंगी तो झट से जवाब आता है- उस पार्टी को जिसने लक्ष्मीर भंडार योजना शुरू की।
सुनीता कहती हैं, ‘हम उसे ही वोट देंगे जो हमारी देखभाल करेगा। हमें जो कुछ मिल रहा है वह तृणमूल कांग्रेस सरकार से मिल रहा है, तो हम उसी को वोट देंगे।’ स्थानीय महिलाएं उनकी बात से सहमति जताती हैं। दीपा हाजरा कहती हैं, ‘लक्ष्मीर भंडार के पैसे से मैं अपने बेटे की स्कूल की फीस भर सकती हूं और उसकी बीमारी में डॉक्टर से दिखा सकती हूं।’
दीपा के पति कृषि श्रमिक हैं। वह कहती हैं कि अगर एक दिन उनके पति काम नहीं करते तो उनके लिए उस दिन गुजारा मुश्किल हो जाता है। तेइस साल की रिया मलिक अभी योजना के लिए पात्र नहीं हैं लेकिन वह जानती हैं कि पैसे मिलने पर उन्हें उसका क्या करना है। पात्रता के लिए लाभार्थी महिला का 25 से 60 के बीच की उम्र का होना जरूरी है।
लक्ष्मीर भंडार योजना की शुरुआत ममता बनर्जी सरकार ने 2021 में विधानसभा चुनाव के पहले की थी। इस वर्ष के आरंभ में राज्य के बजट में इसके अंतर्गत होने वाला भुगतान दोगुना कर दिया गया था। पश्चिम बंगाल की महिलाओं में इसकी खुशी साफ देखी जा सकती है।
सिंगुर से करीब 30 किलोमीटर दूर जंगीपाड़ा में इस योजना की लाभार्थी छाया राय ने तृणमूल कांग्रेस की हर बैठक में शिरकत की है। जंगीपाड़ा, हुगली जिले के श्रीरामपुर लोक सभा क्षेत्र में आने वाला विधानसभा क्षेत्र है।
श्रीरामपुर में तृणमूल कांग्रेस ने तीन बार के सांसद कल्याण बनर्जी को भारतीय जनता पार्टी के नेता और उनके पूर्व दामाद कबीर शंकर बोस के सामने चुनाव मैदान में उतारा है।
छाया बनर्जी की अगली रैली के लिए तैयार हो रही हैं उन पर सरकारी योजनाओं का असर साफ नजर आता है। उन्हें उम्मीद है कि उनके 62 साल के पति बबलू को भी जल्दी वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना के तहत प्रति माह 1,000 रुपये की पेंशन मिलने लगेगी।
लक्ष्मीर भंडार योजना
एक ऐसे प्रदेश में जहां बड़ा निवेश दुर्लभ है, ममता बनर्जी की कल्याण योजनाएं लोगों की जरूरतें पूरी कर रही हैं। इन सभी योजनाओं में लक्ष्मीर भंडार सबसे अधिक लोकप्रिय है। 2024-25 के राज्य के बजट भाषण के अनुसार इस योजना के दायरे में करीब 2.11 करोड़ महिलाएं आती हैं।
अप्रैल से इसके तहत अनुसचित जाति एवं जनजाति की महिलाओं को प्रति माह प्रति महिला 1,200 रुपये का भुगतान किया जा रहा है जबकि अन्य समुदायों की महिलाओं के लिए यह राशि 1,000 रुपये है। इसके लिए 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।
सामाजिक सशक्तीकरण
विशेषज्ञों का कहना है कि इस योजना से महिलाओं को सशक्तीकरण का अहसास हो रहा है। इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रह चुके अभिरूप सरकार कहते हैं, ‘यह छोटी सी राशि भले ही आर्थिक परिवर्तन न ला सके लेकिन यह सामाजिक सशक्तीकरण में मदद कर रही है। महिलाएं तय कर रही हैं कि पैसे का क्या करना है।’
सिंगुर के लिए खास
सिंगुर के लिए लाभ सामान्य से कहीं परे हैं। बहत्तर साल के विनय खारा को वृद्धावस्था पेंशन मिलती है। इसके अलावा उन्हें तथा उनके तीन भाइयों को हर महीने 16 किलो चावल और प्रत्येक को 2,000 रुपये मिलते हैं।
सिंगुर में दो खेमे हैं- एक स्वेच्छा से जमीन देने वाले जिन्होंने 2006 में खुशी से टाटा मोटर्स की नैनो फैक्टरी को जमीन दी और तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार से हर्जाने का चेक ले लिया। दूसरा पक्ष वह है जिसने जमीन के अधिग्रहण का विरोध किया और हर्जाना स्वीकार करने से मना कर दिया।
सितारों की जंग
सिंगुर हुगली लोक सभा क्षेत्र की सात विधानसभाओं में से एक है। यहां की वर्तमान सांसद लॉकेट चटर्जी हैं जो अभिनेत्री से राजनेता बनीं। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस सभी सात सीटों पर जीतने में सफल रही। इस बार तृणमूल कांग्रेस ने रचना बनर्जी को चुनाव मैदान में उतारा है।