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ISO Bill-2023: लोकसभा से अंतर-सेना संगठन विधेयक पारित, रक्षा मंत्री ने बताए इसके फायदे

ISO Bill-2023 के संक्षिप्त नाम वाला यह विधेयक थलसेना, नौसेना और वायु सेना के सभी नियमित कर्मियों पर लागू होगा।

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अजय शुक्ला   
Last Updated- August 04, 2023 | 11:23 PM IST

तीनों सेनाओं की कमांड के लिए एक न्यायिक ढांचा तैयार करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए लोकसभा ने शुक्रवार को एक नया कानून पारित किया जिसे अंतर सेना संगठन विधेयक यानी इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन (कमांड, कंट्रोल ऐंड डिसिप्लिन) बिल-2023 नाम दिया गया है।

आईएसओ बिल-2023 के संक्षिप्त नाम वाला यह विधेयक थलसेना, नौसेना और वायु सेना के सभी नियमित कर्मियों पर लागू होगा। साथ ही यह उन सभी अन्य बलों के कर्मचारियों पर भी लागू होगा जो केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित हैं और जो अंतर-सेना संगठनों (आईएसओ) में सेवा दे रहे हैं अथवा उससे संबद्ध हैं। यह विधेयक आईएसओ के कमांडर्स इन चीफ और ऑफिसर्स इन कमांड को ऐसे संस्थानों में सेवारत कर्मियों या संबद्ध कर्मियों पर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करता है।

फिलहाल सशस्त्र बलों के कर्मियों पर उनकी संबंधित सेना के अधिनियम लागू होते हैं। थलसेना के जवानों पर आर्मी ऐक्ट 1950, नौसेना पर नेवी ऐक्ट 1957 और वायु सेना पर एयर फोर्स ऐक्ट 1950 के प्रावधान लागू होते हैं। आशा है कि नया तीन सेनाओं वाला विधिक ढांचा आईएसओ प्रमुखों द्वारा प्रभावी अनुशासन के रूप में उपयुक्त लाभ अपने साथ लाएगा।

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सेना के विकास के साथ ऐसे तरीके भी तलाश करने होंगे जो उसके बदलते घटकों से निपट सकें। इनमें महिला लड़ाकू योद्धा, साइबर कानून, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसी बातें शामिल हैं। पूर्व जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) और सेना के सबसे वरिष्ठ विधिक अधिकारी मेजर जनरल निलेंद्र कुमार ने कहा, ‘यह विधायी प्रयास हालांकि देर से किया गया है लेकिन यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इसके बाद कुछ नियम और नियामकीय ढांचे तैयार करने होंगे और साथ ही अधिकारियों को प्रवर्तन की दृष्टि से प्रशिक्षित भी करना होगा।’

आईएसओ-2023 विधेयक अनिवार्य तौर पर एक ऐसा कानून है जो मौजूदा सेवा अधिनियमों, नियमों और नियमन में कोई परिवर्तन नहीं करता। ये सभी नियम कानून समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और बीते छह दशक या ज्यादा समय में वे न्यायिक परीक्षण की कसौटी पर भी खरे रहे हैं।

विभिन्न सेवाओं के कर्मी जब पद पर होते हैं या किसी आईएसओ से संबद्ध होते हैं तो उन पर उनकी संबंधित सेवाओं के कानून लागू रहेंगे। बस यह नया कानून आईएसओ प्रमुखों को अनुशासनात्मक एवं प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करता है।

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रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘विधेयक तीनों सेनाओं में एकीकरण बढ़ाने तथा उन्हें संयुक्त करने की दिशा में भी पहल करने में मदद करेगा। यह आने वाले समय में संयुक्त ढांचा तैयार करने में भी मदद करेगा तथा सशस्त्र बलों का कामकाज बेहतर बनाएगा।’

मंत्रालय ने आगे कहा कि इस विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे सरकार के सैन्य सुधारों की श्रृंखला का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये सुधार देश को सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे हैं। यह विधेयक कमांडरों को भी विभिन्न स्तरों पर सशक्त करता है और उन्हें जरूरी अनुशासनात्मक एवं प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करता है ताकि वे अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन कर सकें।

First Published : August 4, 2023 | 11:17 PM IST