कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सीमा से लगे राज्यों के किसानों की बोआई गतिविधियों में हरसंभव मदद सुनिश्चित करें और यह ध्यान रखें कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत-पाकिस्तान तनाव को लेकर सचिवों के साथ समीक्षा बैठक करने के एक दिन बाद, कई सरकारी मंत्रालयों ने आपात योजना तैयार करने के लिए बैठक की।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सीमा से लगे राज्यों के किसानों की बोआई गतिविधियों में हरसंभव मदद सुनिश्चित करें और यह ध्यान रखें कि किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो।
नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में एक समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि अगर गांवों को खाली कराने की जरूरत पड़ी, तो वे जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर बोवाई में देरी होती है, तो सरकार किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता देगी।
बैठक में मंत्री को फसल बोवाई की स्थिति, खाद्यान्न उत्पादन और फल-सब्जियों की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई।
सरकार ने जुलाई से शुरू होने वाले आगामी खरीफ सीजन के लिए एक रूपरेखा तैयार की है। मंत्री ने बताया कि देश में खाद्यान्न का भंडार पर्याप्त मात्रा में है और गेहूं का उत्पादन करीब 2.67 करोड़ टन रहा है, जिसे “बंपर उत्पादन” बताया गया।
संकटग्रस्त जिलों में विस्थापित लोगों को अस्थायी रोजगार देने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे लोगों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
चौहान ने कहा, “हम सभी देश की सेवा के लिए कृषि और ग्रामीण विकास के माध्यम से तैयार हैं।”
इस बीच, उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को जरूरी खाद्य वस्तुओं की जमाखोरी न करने की सख्त चेतावनी दी है। मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे किसी भी प्रयास से बाजार में कृत्रिम कमी पैदा हो सकती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर कहा है कि देश में खाद्यान्न भंडार को लेकर फैलाए जा रहे प्रोपेगेंडा मैसेज पर ध्यान न दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हमारे पास जरूरत से कहीं ज्यादा खाद्यान्न का भंडार मौजूद है।”
इस बीच, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि सरकार सभी संबंधित पक्षों और उद्योग संघों के साथ बैठकें करेगी ताकि सीमा संकट के चलते आवश्यक वस्तुओं की कीमतें न बढ़ें।
विद्युत मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “सीमा से सटे राज्यों में रातभर बिजली गुल रहने की स्थिति को देखते हुए मांग और आपूर्ति पर नजर रखी जा रही है। ग्रिड की लचीलापन बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय ग्रिड को किसी साइबर हमले से सुरक्षित रखने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
इसी तरह, श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे मौजूदा हालात में फैक्ट्रीज़ एक्ट के तहत श्रमिकों की सुरक्षा और रोजगार सुनिश्चित करें।