Photo: PM Modi | X
सरकार के इस वर्ष समुद्री बुनियादी ढांचे में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश लाने के प्रयास के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक शिपिंग कंपनियों से भारत में निवेश और विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समुद्री अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच इससे उन्हें स्थिरता मिल सकती है।
मोदी ने मुंबई में इंडिया मैरीटाइम वीक के दौरान आयोजित ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव में कहा, ‘इस समय वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था चुनौती का सामना कर रही है। ऐसे में दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश कर रही है। इस स्थिति में भारत मजबूती और स्थिरता दोनों के साथ भूमिका निभाने के लिए तैयार है। वैश्विक तनाव, व्यापार व्यवधान और बदलती आपूर्ति श्रृंखलाओं के बीच भारत रणनीतिक स्वायत्तता, शांति और समावेशी विकास के प्रतीक के रूप में खड़ा है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जहाज निर्माण, कंटेनर कार्गो की हिस्सेदारी और बंदरगाहों पर कार्गो क्षमता के विस्तार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। दिग्गज वैश्विक समुद्री शिपिंग कंपनियों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम आपके विचार, नवाचार और निवेश का स्वागत करते हैं। भारत में बंदरगाह और शिपिंग क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सुविधा है। सार्वजनिक निजी भागीदारी भी तेजी से बढ़ रही है। ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के तहत कंपनियों को तमाम प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। राज्यों को भी निवेश लाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह आपके लिए भारत में निवेश और विस्तार करने का सही समय है।’
सबसे बड़ी वैश्विक समुद्री फर्मों के शीर्ष अधिकारियों सहित तमाम दिग्गज उद्योगपतियों ने बाद में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बंद कमरे में बैठक की। इनमें से कुछ ऐसी कंपनियां भी शामिल हैं, जिन्होंने मुंबई में इंडिया मैरीटाइम वीक के दौरान व्यापार विस्तार योजनाओं की घोषणा की है।
भारत की समुद्री और व्यापार पहल रणनीतिक स्वायत्तता और समावेशी विकास का प्रतीक होने के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे का उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि यह व्यापार मार्गों को पुन: परिभाषित करेगा और स्वच्छ ऊर्जा और स्मार्ट लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देगा।
उन्होंने कहा, ‘समावेशी रूप से समुद्री विकास तभी हो सकता है जब छोटे द्वीप विकासशील राज्यों और सबसे कम विकसित देशों को प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से मजबूत किया जाएगा। हमें आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक अनिश्चितता और समुद्री सुरक्षा से निपटने में एक साथ मिलकर काम करना होगा।’
मोदी ने कहा कि भारत के बंदरगाहों की गिनती अब विकासशील दुनिया में सबसे कुशल बंदरगाहों में होती है। कई मामलों में वे विकसित दुनिया के बंदरगाहों से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब भारत में औसत कंटेनर ठहराव का समय घटकर तीन दिन से भी कम हो गया है। यह कई विकसित देशों से बेहतर कंटेनर ठहराव टाइम है। उन्होंने कहा कि औसत जहाज टर्नअराउंड समय 96 घंटे से घटकर 48 घंटे हो गया है, जिससे भारतीय बंदरगाह वैश्विक शिपिंग लाइनों के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी और आकर्षक हो गए हैं।
निवेश शिखर सम्मेलन द्विवार्षिक स्तर पर आयोजित किया जाता है। ऐसे में सरकार के पास नीति और विधायी सुधारों के आधार पर वैश्विक कंपनियों से व्यापक पैमाने पर निवेश प्रतिबद्धताएं हासिल करने का लक्ष्य है। संसद के पिछले सत्र के दौरान बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय ने पांच कानून पेश और संशोधित किए हैं।