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भारत, अमेरिका में शीघ्र सीमा शुल्क निकासी के लिए समझौते पर चर्चा

एईओ कार्यक्रम सीमा शुल्क प्रशासन को सुरक्षित एवं लचीले निर्यातकों और आयातकों की पहचान करने और उन्हें बेहतर सुविधा देने में मदद करता है।

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भाषा   
Last Updated- June 16, 2023 | 3:52 PM IST

भारत और अमेरिका शीघ्र सीमा शुल्क निकासी के लिए एक पारस्परिक मान्यता समझौते (एमआरए) को जल्द पूरा करने की कोशिश में जुटे हैं जिसमें दोनों देशों के अधिकृत आर्थिक परिचालकों को त्वरित मंजूरी मिलेगी।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों ने सितंबर 2021 में अधिकृत आर्थिक परिचालकों (एईओ) को मान्यता देने के लिए समझौता किया था।

एईओ कार्यक्रम सीमा शुल्क प्रशासन को सुरक्षित एवं लचीले निर्यातकों और आयातकों की पहचान करने और उन्हें बेहतर सुविधा देने में मदद करता है। जौहरी ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि भारत और अमेरिका के सीमा शुल्क अधिकारियों ने दोनों देशों के एईओ को मान्यता देने पर चर्चा की है।

उन्होंने कहा, ”इसका मूल्यांकन पहले ही किया जा चुका है और समझौते की भाषा और मसौदे पर भी काम किया गया है। अब इसकी जांच की जा रही है। हम इसे जल्द से जल्द पूरा करेंगे।” यह पूछने पर कि एईओए कब तक लागू होगा, जौहरी ने कहा कि इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं है।

उन्होंने कहा, ”इसके लिए एक प्रक्रिया है, जिससे हमें गुजरना पड़ता है और यह मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास जाएगा, क्योंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसलिए हम इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।” अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और वित्त वर्ष 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 128.8 अरब अमेरिकी डॉलर का था।

इसमें भारत का निर्यात 78.54 अरब डॉलर था जबकि उसने 50.24 अरब डॉलर का आयात भी अमेरिका से किया था। भारत इसी तरह का एक समझौता दक्षिण कोरिया के साथ कर चुका है। इसमें एईओ को त्वरित सीमा-शुल्क मंजूरी मिलती है।

First Published : June 16, 2023 | 3:52 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)