HMPV Virus Update: चीन में श्वसन रोगों के मामलों में अचानक आई तेजी पर भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने अपनी नजरें गड़ा दी हैं। शनिवार को मंत्रालय ने कहा कि वह चीन की स्थिति पर करीबी निगरानी रख रहा है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) अतुल गोयल की अध्यक्षता में एक संयुक्त निगरानी समूह ने इस मामले की समीक्षा की। बैठक के बाद इसे मौसमी फ्लू सीजन के मद्देनजर “असामान्य नहीं” करार दिया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “सरकार उपलब्ध सभी चैनलों के माध्यम से स्थिति पर नजर बनाए रखेगी।” साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से इस संबंध में समय-समय पर अपडेट प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।
हाल ही में चीन में ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में तेजी देखी गई है। इसी के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सतर्कता बढ़ाने की सलाह दी है। मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा संक्रमण की लहर इन्फ्लूएंजा वायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) और HMPV जैसे वायरस के कारण हो रही है, जो आमतौर पर फ्लू सीजन में सक्रिय होते हैं।
HMPV एक वायरल श्वसन संक्रमण है, जिसके लक्षण आम सर्दी जैसे दिखते हैं। यह वायरस ड्रॉपलेट्स, सीधे संपर्क और संभवतः हवा के जरिए फैलता है। इसके लक्षण हल्के जुकाम से लेकर गंभीर सांस की तकलीफ और सीने में दर्द तक हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV पहले से ही भारत समेत दुनियाभर में सक्रिय है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
भारत में नहीं आया कोई मामला सामने
भारत में इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) के डेटा के मुताबिक, इंफ्लुएंजा-लाइक इलनेस (ILI) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस (SARI) के मामलों में कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं हुई है।
विशेषज्ञों ने तैयारी को मजबूत बनाने के लिए ICMR नेटवर्क के तहत एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापनीमोवायरस) की टेस्टिंग करने वाली लैब्स की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया है। यह नेटवर्क पूरे साल HMPV के ट्रेंड्स पर नजर रखेगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि “ICMR नेटवर्क पहले से ही एडेनोवायरस और आरएसवी जैसे अन्य रेस्पिरेटरी वायरस की टेस्टिंग करता है। अब तक इन वायरसों के टेस्ट किए गए सैंपल्स में भी कोई असामान्य बढ़ोतरी नहीं देखी गई है।”
भारत की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी नई स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत समाधान करने के लिए तैयार हैं। यह आश्वासन संयुक्त निगरानी समूह (जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप) की बैठक में दिया गया।
इस बैठक में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), आपातकालीन चिकित्सा राहत (EMR) प्रभाग और दिल्ली स्थित एम्स जैसे प्रमुख अस्पतालों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
बैठक में विशेषज्ञों ने यह सुनिश्चित किया कि भारत की स्वास्थ्य प्रणाली न केवल मौजूदा चुनौतियों के लिए तैयार है, बल्कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम है।