facebookmetapixel
60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछलाCorporate Actions Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में होगा धमाका, स्प्लिट- बोनस-डिविडेंड से बनेंगे बड़े मौके1100% का तगड़ा डिविडेंड! टाटा ग्रुप की कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेBuying Gold on Diwali 2025: घर में सोने की सीमा क्या है? धनतेरस शॉपिंग से पहले यह नियम जानना जरूरी!भारत-अमेरिका रिश्तों में नई गर्मजोशी, जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत गोर से नई दिल्ली में की मुलाकातStock Split: अगले हफ्ते शेयरधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, कुल सात कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट

तेलुगू देशम पार्टी के सांसदों की 17वीं लोक सभा में सबसे ज्यादा उपस्थिति

Telugu Desam Party: 17वीं लोक सभा की कुल 273 बैठकें 17 जून, 2019 से 10 फरवरी, 2024 के बीच आयोजित हुईं। इस दौरान 240 विधेयक पारित किए गए

Last Updated- March 26, 2024 | 11:32 PM IST
लोक सभा के 44% निवर्तमान सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामले, 5% अरबपति-ADR, Lok Sabha elections 2024: Criminal cases against 44% outgoing members of Lok Sabha, 5% billionaires-ADR

सभी राजनीतिक दलों में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसदों की 17वीं लोक सभा में उपस्थिति सबसे ज्यादा और आम आदमी पार्टी (आप) के सासंदों की सबसे कम रही। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के विश्लेषण में यह बात उभर कर सामने आई है। विशेष बात यह कि पूरे पांच साल के कार्यकाल वाली इस लोक सभा में सबसे कम बैठकें हुईं। इससे पहले केवल चार लोक सभाओं में कम बैठकें आयोजित हुईं, लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थीं।

यह पहली ऐसी लोक सभा रही जो पूरे पांच साल बिना उपाध्यक्ष के चली। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 में कहा गया है कि लोक सभा गठन के बाद जितनी जल्दी हो सके, लोक सभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन कर लिया जाना चाहिए।

एडीआर ने ’17वीं लोक सभा में सासदों के प्रदर्शन का विश्लेषण’ शीर्षक से अपनी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की। इसमें 521 मौजूदा लोक सभा सदस्यों, पूर्व सदस्यों और एंग्लो-इंडियन नामित सदस्यों की उपािस्थति का विश्लेषण किया गया है।

इस रिपोर्ट से पता चलता है कि तेदेपा के तीन सांसदों गुंटूर से जयदेव गल्ला, विजयवाड़ा से केसीनेनी श्रीनिवासन और श्रीकाकुलम से राम मोहन नायडू किंजरापू ने लोक सभा की कुल 273 में से औसतन 229 बैठकों में हिस्सा लिया।

माकपा और जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद लोक सभा की क्रमश: 226 और 218 बैठकों में शामिल हुए। लोक सभा में माकपा के 3 और जद(यू) के 16 सांसद हैं। सभी दलों के 559 सांसदों (उपचुनाव में जीते सांसदों समेत) ने औसतन 189 बैठकों में हिस्सा लिया।

आम आदमी पार्टी के दो सांसदों, संगरूर से भगवंत मान और जालंधर से सुशील कुमार रिंकू ने सबसे कम बैठकों में हिस्सा लिया। इन्होंने 17वीं लोक सभा की 273 बैठकों में से औसतन 57 में ही हिस्सा लिया। शिरोमणि अकाली दल के सांसद 87 और सपा के 126 बैठकों में उपस्थिति रहे।

भाजपा के 306 सांसद औसतन 191 बैठकों में मौजूद रहे, जबकि कांग्रेस के 54 लोक सभा सदस्यों ने 206 बैठकों में हिस्सा लिया। 17वीं लोक सभा की कुल 273 बैठकें 17 जून, 2019 से 10 फरवरी, 2024 के बीच आयोजित हुईं। इस दौरान 240 विधेयक पारित किए गए।

First Published - March 26, 2024 | 11:32 PM IST

संबंधित पोस्ट