भारत

Hathras stampede: कौन हैं सिपाही से धर्मोपदेशक बने ‘भोले बाबा’?

हाथरस भगदड़ में 121 मौतें: बाबा नारायण हरि (भोले बाबा) की तलाश में जुटी पुलिस

Published by
नंदिनी सिंह   
Last Updated- July 03, 2024 | 11:01 PM IST

उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को एक धार्मिक सभा में मची भगदड़ से121 लोगों की मौत के बाद राज्य की पुलिस बाबा नारायण हरि (भोले बाबा) की तलाश में जुट गई है। धर्मोपदेशक बनने से पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही थे। बाद में वह ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ के नाम से मशहूर हो गए। उसका असली नाम सूरज पाल है। लगभग 60 वर्षीय पाल ने 90 के दशक में पुलिस की नौकरी छोड़ दी और कासगंज जिले में अपने पैतृक गांव बहादुर नगर में एक आश्रम स्थापित कर लिया। यह हाथरस से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। यह आश्रम 30 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।

पाल के यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो में उन्हें कुर्ता या सफेद सूट, टाई और धूप चश्मा पहले देखा जा सकता है। उनके यूट्यूब चैनल को लाखों लोग देख चुके हैं और लगभग 31,000 सबस्क्राइबर हैं। वीडियो में चांदी के सिंहासन पर बैठे भोले बाबा को एक बड़े जन समूह (ज्यादातर महिलाएं) को संबोधित करते हुए देखा जा सकता है, जो जमीन पर दोनों हाथ जोड़कर बैठे हैं। भोले बाबा के बगल में उनकी पत्नी भी दिखाई देती हैं जिन्हें उनके श्रद्धालु ‘माताश्री’ कहकर संबोधित करते हैं।

जाटव जाति से आने वाले भोले बाबा के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों में बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। पोस्टर में उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया गया है, ‘मानवता वास्तविक धर्म था, वास्तविक धर्म है और सदैव रहेगा’।

भोले बाबा कारों के काफिले के साथ निकलते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ से बचने के लिए उन्होंने ‘नारायणी सेना’ नाम से एक सुरक्षा दल तैयार कर रखा है जो गुलाबी वर्दी पहने रहते हैं। इस टीम में महिला एवं पुरुष दोनों हैं। यह टीम भोले बाबा के सत्संगों में लोगों के बैठने का इंतजाम और सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी संभालती है।

यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए कई वीडियो में मंगलवार के सत्संग की जानकारी दी गई थी और श्रद्धालुओं को बड़ी संख्या में आने की अपील की गई थी। हाथरस घटना के बाद दर्ज प्राथमिकी के अनुसार इस सभा में 80,000 लोगों के आने की अनुमति ही थी, मगर लगभग 2,50,000 लोग जमा हो गए थे। इसी महीने आगरा के इर्द-गिर्द दो और धार्मिक सभाओं का आयोजन करने की योजना तैयार हुई थी। कहा जाता है कि भोले बाबा का राजनीतिक प्रभाव भी है और उनके अनुयायियों में कई अधिकारी और राजनेता शामिल हैं।

First Published : July 3, 2024 | 11:01 PM IST