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Forest Fires: दो दशकों में जंगल की आग में जल गए 38,100 हेक्टेयर क्षेत्र के पेड़

Forest Fires: साल 2001 के बाद से भारत में जंगलों में लगी आग के कारण 38,100 हेक्टेयर इलाके के पेड़ों की क्षति हुई है।

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ऐश्ली वर्गीज   
Last Updated- May 06, 2024 | 10:58 PM IST

उत्तराखंड के जंगलों में लगी विनाशकारी आग की सैटेलाइट तस्वीरों ने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराया है। वनों की आग के प्रबंधन को लेकर चल रही मुकदमेबाजी के बीच यह मामला भी उठा है।

भारत में वनों में आग लगने का समय अमूमन फरवरी के अंत में शुरू होता है और यह करीब 12 हफ्तों तक रहता है। हर साल इस दौरान तबाही का मंजर देखने को मिलता है। साल 2001 के बाद से भारत में जंगलों में लगी आग के कारण 38,100 हेक्टेयर इलाके के पेड़ों की क्षति हुई है।

वन वृक्षों को साल 2008 में सर्वाधिक नुकसान का सामना करना पड़ा था, तब जंगल की आग, वनों की कटाई और अन्य कारणों से कुल मिलाकर 30 लाख हेक्टेयर इलाके के पेड़ नष्ट हो गए थे। हालांकि, उसके बाद जंगल की आग से होने वाले नुकसान में कमी आने लगी। हालिया आंकड़े दर्शाते हैं कि साल 2013 में सबसे कम 600 हेक्टेयर इलाके के पेड़ों में आग लगी।

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच डेटा के मुताबिक, साल 2023 में 2,130 हेक्टेयर क्षेत्र के वृक्षों को आग से नुकसान हुआ। सिर्फ उत्तराखंड में ही अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक जंगल में आग की आठ घटनाएं देखने को मिलीं, जिसमें 11.75 हेक्टेयर क्षेत्र के पेड़ बरबाद हो गए।

साल 2001 से 2023 में ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश सर्वाधिक प्रभावित राज्य रहे। दोनों राज्यों में 200-200 हेक्टेयर क्षेत्र के वृक्ष आग के कारण बरबाद हो गए। ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच के अनुसार, 1 मई, 2023 से 29 अप्रैल, 2024 तक भारत में आश्चर्यजनक रूप से 12,689 हाई कॉन्फिडेंस विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सुईट (वीआईआईआरएस) फायर अलर्ट दर्ज किए गए।

जबकि इस साल 29 अप्रैल तक 8,967 अलर्ट दर्ज किए गए। नासा द्वारा विकसित वीआईआईआरएस में दो उपग्रहों से प्राप्त डेटा का उपयोग किया जाता है। दोनों उपग्रह रोजाना दो बार पृथ्वी की सतह का निरीक्षण करते हैं।

पिछले चार हफ्तों में कर्नाटक में अधिकतम 80 फायर अलर्ट मिले। यह भारत में मिले सभी फायर अलर्ट का 2.4 फीसदी है, जो साल 2012 के बाद से ऐतिहासिक गणना की तुलना में बहुत ज्यादा है।

फॉरेस्ट मॉनिटरिंग वॉच ने बताया कि इस साल 25 अप्रैल से 2 मई तक भारत में 38,855 हाई कॉन्फिडेंस वीआईआईआरएस फायर अलर्ट मिले। वहीं, पिछले चार हफ्तों में दुनिया भर में इक्वाडोर की कुल फायर अलर्ट में 0.27 फीसदी हिस्सेदारी थी। यह सर्वाधिक है।

दुनिया भर में साल 2001 से 2023 के बीच करीब 28 फीसदी पेड़ आग के कारण नष्ट हो गए। रूस और कनाडा में सबसे ज्यादा बरबादी हुई। साल 2023 में सिर्फ कनाडा में ही आग से 77.7 लाख हेक्टेयर में फैले वृक्ष बरबाद हो गए।

वहीं रूस, ब्राजील, बोलीविया, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देश सर्वाधिक प्रभावित रहे। इस बीच, साल 2023 में ऐसा साल रहा जब आग के कारण सर्वाधिक पेड़ों को नुकसान हुआ। उस साल कुल 1.19 करोड़ हेक्टेयर पेड़ बरबाद हो गए जो कुल नुकसान का 42 फीसदी है।

First Published : May 6, 2024 | 10:55 PM IST