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Electoral Bond: SBI ने तैयार की चुनावी चंदे की फाइल, आज सौंपेगी जानकारी!

Electoral Bond: कहां से आया चंदा, SBI ने तैयार किया पूरा लेखा-जोखा, सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन समाप्त होने में अब कुछ ही घंटे का समय शेष रह गया है।

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अंशु   
Last Updated- March 12, 2024 | 5:42 PM IST

Electoral Bond: अप्रैल 2019 से राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी साझा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट की ओर से खारिज किए जाने के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) कथित तौर पर आज डेटा के साथ तैयार है। दरअसल शीर्ष अदालत ने आज यानी मंगलवार (12 मार्च) तक चुनावी चंदे की सभी डिटेल चुनाव आयोग को शेयर करने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट की डेडलाइन समाप्त होने में अब कुछ ही घंटे का समय शेष रह गया है।

कहां से आया चंदा, SBI ने तैयार किया लेखा-जोखा

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, SBI ने सभी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं और आज चुनावी बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को सौंप देगी। बता दें कि चुनावी बॉन्ड योजना के तहत SBI एकमात्र अधिकृत वित्तीय संस्थान है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा के साथ पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाया, जिसमें बैंक को 12 मार्च तक विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया गया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक बैंक द्वारा शेयर किए गए डिटेल को अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर पब्लिश करने का भी निर्देश दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने SBI को लगाई थी फटकार

सोमवार यानी 11 मार्च को समय सीमा बढ़ाने की SBI की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को फटकार लगाई थी। पीठ ने SBI की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे की दलीलों पर ध्यान दिया कि विवरण एकत्र करने और मिलान के लिए अधिक समय की आवश्यकता है क्योंकि जानकारी इसकी शाखाओं में दो अलग-अलग कक्षों में रखी गई थी।

पीठ ने आगे कहा कि अगर मिलान प्रक्रिया को खत्म करना है तो SBI तीन सप्ताह के भीतर इस प्रक्रिया को पूरा कर सकता है। पीठ ने कहा कि उसने SBI को चंदा देने वालों और चंदा प्राप्त करने वालों के विवरण का अन्य जानकारी से मिलान करने का निर्देश नहीं दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा, SBI को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है।

First Published : March 12, 2024 | 5:00 PM IST