कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों में से सात के नई दिल्ली पहुंचने के कुछ घंटे बाद ही विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करने के बाद कतर रवाना होंगे। इन पूर्व नौसेना अधिकारियों को कतर में जासूसी के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी।
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि सरकार कतर के साथ तालमेल कर रही है ताकि आठवें भारतीय नागरिक को भी वापस लाया जा सके। हालांकि उन्होंने इसका ब्योरा नहीं दिया कि कतर के अमीर की तरफ से माफी दी गई या है फिर वे कानूनी रूप से रिहा हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कतर की सरकार और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हामिद अल-थानी के फैसले की सराहना करती है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री निजी तौर पर भी लगातार इस मामले के सभी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे और वह भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए कोई भी पहल करने से पीछे नहीं हटे।’
बुधवार को प्रधानमंत्री अल-थानी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। यह मोदी की दूसरी कतर यात्रा होगी। इससे पहले वह जून 2016 में कतर गए थे। हालांकि मोदी ने कतर के अमीर से हाल के वर्षों में कई बार मुलाकात की है और आखिरी बार वह दुबई में कॉप 28 सम्मेलन में मिले थे।
पिछले साल अक्टूबर में कतर की एक स्थानीय अदालत ने पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये अधिकारी एक निजी कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज ऐंड कंसंल्टेंसी सर्विसेज के कर्मचारी थे जो कतर की सेना को प्रशिक्षण और इससे संबंधित सेवाएं देते थे।
कतर की मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी पर यह आरोप लगे कि इनका इस्तेमाल इजरायली खुफिया एजेंसी कर रही हैं और कतर के रक्षा कार्यक्रम से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं इकट्ठा कर रही हैं।
भारतीय नागरिकों को अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था। हालांकि कतर के अधिकारियों ने उन पर लगाए गए आरोपों का खुलासा नहीं किया था। दोहा में भारतीय दूतावास को इसकी जानकारी सितंबर महीने के मध्य में मिली। इसके बाद अक्टूबर और दिसंबर में दूतावास से संपर्क होना शुरू हुआ।
क्वात्रा ने कहा कि आगामी यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों पर बात होने की उम्मीद है। क्वात्रा ने कहा, ‘फिलहाल दोनों पक्ष उन समझौते पर बातचीत करने में व्यस्त हैं जिन पर इस यात्रा के दौरान अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।’
वाणिज्य विभाग के आंकड़े दर्शाते हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले आठ महीने में भारत के तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) का 45 फीसदी से अधिक आयात कतर से हुआ और इसके बाद यूएई (14.1 फीसदी) का स्थान है।
पिछले हफ्ते भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण एलएनजी टर्मिनल का स्वामित्व करने वाली कंपनी, पेट्रोनेट एलएनजी ने कतर से 75 लाख टन सालाना एलएनजी कतर से लाने की घोषणा की थी।
इंडिया एनर्जी वीक 2024 में यह घोषणा की गई की इस करार के तहत एलएनजी की आपूर्ति सरकारी कंपनी कतर एनर्जी द्वारा 2028 से 2048 तक की जाएगी। क्वात्रा ने बताया कि समुद्री व्यापार, बंदरगाह एवं लॉजिस्टिक्स, रेलवे, फिनटेक कनेक्टिविटी और डिजिटल ढांचे में निवेश पर चर्चा की जाएगी। कतर के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार 2 करोड़ डॉलर तक है।
यूएई यात्रा के दौरान मोदी आबु धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे जिसे बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था द्वारा तैयार किया गया है। यह मोदी की सातवीं यूएई यात्रा होगी और पिछले आठ महीने में वह यूएई के नेता मोहम्मद बिन जायद एल नाहयन के साथ पांचवीं बार मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री दुबई में होने वाले एक सालाना आयोजन विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जिससे भविष्य में तकनीकी नवाचार से जुड़े मसले को केंद्र में रखकर सरकारी प्रक्रिया और नीतियों से जुड़ी वैश्विक वार्ता के माध्यम से दुनिया के नेता एक साथ एक मंच पर होंगे।
यूएई भारत के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बन गया है और यह तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है जिनके बीच कुल कारोबार 8.5 करोड़ डॉलर का है। यूएई, भारत में चौथा सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेश निवेश का स्रोत है।