प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान भारत अमेरिका के साथ सीमित या लघु व्यापार समझौते पर नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है। मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से भी मुलाकात करेंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मोदी की यात्रा के एजेंडे पर अभी काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘यदि अमेरिका चाहे तो हम उसके साथ लघु व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए तैयार हैं।’ मोदी 12 फरवरी को वाशिंगटन जाएंगे।
यात्रा की तैयारी के लिए वाणिज्य, उद्योग और विदेश मामलों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उन मुद्दों की पहचान करने के लिए गहन चर्चा में लगे हुए हैं, जिन पर भारत अमेरिका के साथ बात कर सकता है। इस चर्चा का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाना है। ट्रंप के साथ मोदी की बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध फिर से शुरू होने की आशंका है। अमेरिका के पड़ोसी देशों मेक्सिको और कनाडा के साथ भी शुल्क पर खींचतान देखी जा रही है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने से पहले ही ट्रंप ने अपना ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा और इस हासिल करने के लिए दूसरे देशों पर शुल्क लगाने का अपना एजेंडा साफ कर दिया था। भारत ने शुल्क को लेकर ट्रंप की चिंता को दूर करने की दिशा में कदम उठाए हैं। बजट में मोटरसाइकिल, अपशिष्ट और कबाड़ आइटम, इथरनेट स्विच आदि पर बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती की गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा भारत को ज्यादा शुल्क लगाने वाले देश की जमात में शामिल करने की प्रतिक्रिया में ये कदम उठाए गए हैं।
भारत सरकार के अधिकारी भी ट्रंप प्रशासन के तहत व्यापार संबंधी मामलों पर चर्चा शुरू करने के लिए नए अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। ट्रंप के सत्ता संभालने के तत्काल बाद जारी ‘अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी’ पर ज्ञापन के अनुसार अमेरिकी सरकार उन देशों की पहचान करेगी जिनके साथ अमेरिकी श्रमिकों, किसानों और अन्य लोगों के लिए निर्यात बाजार पहुंच प्राप्त करने के लिए द्विपक्षीय या क्षेत्र-विशिष्ट आधार पर समझौतों पर बातचीत की जा सकती है।
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत ने अमेरिका के साथ लघु या सीमित व्यापार समझौते पर व्यापक चर्चा की थी। मगर अच्छी प्रगति होने के बावजूद कुछ विवादास्पद मुद्दों का समाधान नहीं होने के कारण समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे। 2021 में जो बाइडन की सरकार बनने के बाद यह समझा गया कि दोनों देश एक नया व्यापार करार करेंगे क्योंकि नई सरकार ने अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया था।
भारत अमेरिका द्वारा शुरू किए गए 14 सदस्यीय समूह भारत-प्रशांत आर्थिक समृद्धि फोरम (आईपीईएफ) में शामिल हो गया था। मगर उसके चार स्तंभों में से एक ‘व्यापार स्तंभ’ से बाहर निकल गया क्योंकि इसमें प्रतिबद्धताओं पर स्पष्टता नहीं थी।