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Delhi Pollution: पुराने प्रतिबं​धित वाहनों के ​खिलाफ होगी सख्ती

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली व पड़ोसी राज्यों को इन प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई तेज करने को कहा है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- November 12, 2024 | 8:24 PM IST

Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंध के बावजूद ये पुराने वाहन दौड़ रहे हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई की गति काफी धीमी है, जबकि ये वाहन प्रदूषण के बड़े कारक होते हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो सकती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली व पड़ोसी राज्यों (NCR) की सरकारों को इन प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है।

प्रतिबंधित पुराने वाहनों के खिलाफ चलेगा अभियान

CAQM का कहना है कि न्यायालय के आदेश पर दिल्ली-एनसीआर में 10 पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद ये वाहन चल रहे हैं, जो प्रदूषण बढ़ाने में सहायक है। ऐसे में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इनके खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी है।अ

भी इन वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई की गति काफी धीमी है। इसलिए CAQM ने दिल्ली सरकार और पड़ोसी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को इन प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ अभियान तेज करने को कहा है।

सरकारों को उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत प्रमुख स्थानों पर ईंधन भरने पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) के लिए कैमरा सिस्टम स्थापित करने जैसी नवीन तकनीक प्रणालियों को अपनाने पर विचार करना चाहिए। इससे प्राप्त होने वाले नंबरों को VAHAN डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जाए। जिसके माध्यम से वाहनों का पंजीकरण विवरण प्राप्त किया जा सकता है। इससे अधिकारियों को इन प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।

ऐसा प्रणाली दिल्ली सरकार अपना चुकी है। CAQM ने नियमों के अनुरूप इन प्रतिबंधित वाहनों के स्कैंपिंग का निस्तारण करने को भी कहा। साथ ही इसकी हर महीने आयोग को रिपोर्ट दी जाए।

प्रतिबंधित वाहन लाखों की संख्या, लेकिन जब्ती महज कुछ हजार

CAQM के मुताबिक प्रतिबंधित इन पुराने वाहनों की संख्या लाखों में है। लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई बहुत धीमी गति से हो रही है। इसका एक उदाहरण है दिल्ली में जिन वाहनों को चलाने की अनुमति खत्म हो चुकी या प्रतिबंधित हैं, उनकी संख्या 60,14,493 है। लेकिन पिछले साल इन प्रतिबंधित वाहनों में 22,397 वाहन ही जब्त किए गए। इस साल सितंबर तक तो महज 2,310 वाहन ही जब्त हुए हैं।

हरियाणा में इन वाहनों की संख्या 27,50,152 है और इसमें पिछले साल 220 और इस साल सितंबर तक 2,496 वाहन जब्त हुए हैं। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही हाल है। उत्तर प्रदेश में इन वाहनों की संख्या 12,38,788 है, जबकि पिछले साल 3,O58 और इस साल 631 वाहन ही जब्त हुए। राजस्थान में 6,06,926 वाहनों में से पिछले साल 389 और इस साल सितंबर तक 574 वाहन ही जब्त हुए हैं।

First Published : November 12, 2024 | 8:24 PM IST