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Delhi congestion tax: दिल्ली की सीमाओं पर 4 घंटे के लिए लगेगा वाहनों पर चार्ज! FASTag से ऑटोमेटिक कट जाएगा पैसा

Delhi Traffic: पहिया वाहन और गैर-प्रदूषणकारी वाहन इस टैक्स से मुक्त रहेंगे। टैक्स-फ्री की कैटेगरी में इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) भी शामिल होंगे।

Last Updated- October 12, 2024 | 2:40 PM IST
Traffic jam

लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर जैसे शहरों से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली सरकार शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों पर पीक ऑवर्स (सुबह 8 से 10 बजे और शाम 5:30 से 7:30 बजे) के दौरान कंजेशन टैक्स लगाने की योजना बना रही है। यह टैक्स 13 प्रमुख एंट्री पॉइंट्स पर लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य यातायात जाम को कम करने और प्रदूषण को घटाने का है।

यह टैक्स ऑटोमेटिक रूप से फास्टैग के माध्यम से एकत्र किया जाएगा, जिससे ट्रैफिक में कोई रुकावट न आए। दोपहिया वाहन और गैर-प्रदूषणकारी वाहन इस टैक्स से मुक्त रहेंगे। टैक्स-फ्री की कैटेगरी में इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) भी शामिल होंगे।

बनाने होंगे नए कानून या करना होगा संशोधन

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार ‘कंजेशन प्राइसिंग’ पहल पर काम कर रही है, लेकिन प्रस्ताव को चुनौती तब मिली जब कानून विभाग ने यह नोट किया कि मोटर वाहन अधिनियम में ऐसे टैक्स के लिए प्रावधान नहीं हैं। ऐसे में अब या तो अधिनियम में संशोधन या नए कानूनी प्रावधानों की जरूरत होगी।

कहां होगा टैक्स से जुटाई रकम का इस्तेमाल

एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि इस टैक्स से होने वाली आय, साथ ही जुर्माने की राशि का उपयोग सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने और साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों जैसे कमजोर उपयोगकर्ताओं के लिए सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में किया जाएगा।

अधिकारी ने यह भी बताया कि तेजी से बढ़ रहे निकटवर्ती शहरों से वाहनों की संख्या में वृद्धि और कमर्शियल माल वाहनों की आवाजाही दिल्ली में वाहनों की संख्या को बढ़ा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक में ज्यादा समय तक फंसे रहने से वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण वायु गुणवत्ता (Air quality) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

फिलहाल, DND और न्यू अशोक नगर सहित कई सीमा क्षेत्र यातायात जाम के प्रमुख स्थान हैं।

पहले भी आ चुका है ऐसा प्रस्ताव

यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में ऐसा कदम उठाने पर विचार किया गया है। इसी तरह के प्रस्ताव पहले भी चर्चा में थे, लेकिन उन्हें लागू नहीं किया जा सका। 2018 में एक योजना आई थी, जिसमें शहर के 21 अधिक ट्रैफिक वाले इलाकों में वाहनों पर जाम टैक्स (congestion tax) लगाने का प्रस्ताव था, जिनमें औरंगजेब चौक-अंधेरिया मोड़ कॉरिडोर, नेहरू प्लेस से मोदी मिल्स फ्लाईओवर, हौज़ खास मेट्रो स्टेशन के आस-पास और ITO चौराहे जैसे इलाके शामिल थे।

2009 में, कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने राजधानी में प्रवेश करने वाले निजी वाहनों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का सुझाव दिया था। ताकि, सार्वजनिक परिवहन (पब्लिक ट्रांसपोर्ट) को बढ़ावा दिया जा सके। हालांकि, इस प्रस्ताव को बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

सरकार फास्टैग (FASTag) तकनीक का उपयोग कर कंजेशन टैक्स जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें RFID रीडर्स और नंबर प्लेट पहचान (NPR) कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि यातायात सुचारु रूप से चलता रहे और देरी न हो।

First Published - October 12, 2024 | 2:40 PM IST

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