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योजना कमजोर होने से 188 रेल परियोजनाओं में देरी, करीब 40 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट्स में संशोधन बाकी

करीब 156 परियोजनाएं फ्रेश सबमिशन दाखिल करने की अंतिम तिथि चूक गई हैं

Last Updated- June 25, 2023 | 8:09 PM IST
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ऐसे समय में जब रेलवे को देरी और परियोजनाओं की खराब योजना के कारण आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक रेल मंत्रालय ने सभी जोनल रेलवे को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की गुणवत्ता बेहतर न होने की जानकारी दी है, जिससे करीब 200 परियोजनाओं में मुश्किलें आ रही हैं।

यह मसला हाल में रेलवे बोर्ड के नव गठित गति शक्ति महानिदेशालय ने एक पत्र में उठाया है, जो सभी जोनल रेलवे को लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि करीब 156 परियोजनाएं नई प्रविष्टि (fresh submissions) दाखिल करने की अंतिम तिथि चूक गई हैं। वहीं कई दौर की समीक्षा के बाद 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की 32 परियोजनाओं में अभी संशोधन किया जाना है।

अधिकारियों ने कहा कि इस मसले पर मंत्रालय के चिंतन शिविर में भी चर्चा हुई थी, जो इस महीने की शुरुआत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की अध्यक्षता में आयोजित हुआ था।

सभी जोनल रेलवे को संबोधित 16 जून को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘ऐसा पाया गया कि DPR की गुणवत्ता बेहतर नहीं है और इसमें सुधार की जरूरत है। यहां तक कि महत्त्वपूर्ण पहलू जैसे विस्तृत औचित्य, ट्रैफिक सर्वे, वित्तीय व आर्थिक जरूरतें आदि जैसी चीजों को भी DPR में शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह से रेलवे बोर्ड के स्तर पर कई दौर की चर्चा करनी पड़ती है।’

जोनल रेलवे की परियोजनाओं को तैयार करने की योजना के भ्रमित स्थिति को देखते हुए मंत्रालय ने DPR तैयार करने के लिए सितंबर 2022 में एक मानक प्रारूप जारी किया था। हालांकि हाल के पत्र से पता चलता है कि कुछ मसलों का समाधान अब तक नहीं हो पाया है।

इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि इस मसले को जोनल रेलवे के सामने रखा गया है और इनमें से 22 परियोजनाओं की समीक्षा गुरुवार को होनी हैं। उन्होंने कहा कि योजना के स्तर पर सभी खामियों पर रेलवे बोर्ड नजर रख रहा है, जिससे समयबद्ध तरीके से इन पर काम किया जा सके।

बुनियादी ढांचा क्षेत्र में परियोजना की खराब प्लानिंग पर अब नजर रखी जा रही है। सड़क और रेल परियोजनाओं में कुछ पहलुओं में खामियां पाए जाने के बाद यह फैसला किया गया। उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी खराब गुणवत्ता के DPR को लेकर बहुत मुखर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इन मसलों को हल करने की जरूरत है क्योंकि खराब परियोजना रिपोर्ट के कारण आने वाले वर्षों में कुछ समस्याएं आ सकती हैं।

First Published - June 25, 2023 | 8:09 PM IST

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