भारत आने वाले अधिकतर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में ओमीक्रोन की एक किस्म एक्सबीबी पाई जा रही है। कोविड19 की जांच के दौरान पता चला कि विदेशों से आने वाले यात्रियों की जीनोम सीक्वेंसिंग में अधिकतर एक्सबीबी के लक्षण पाए जा रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को आंकड़े जारी कर बताया कि 24 दिसंबर से अब तक लगभग 90,5647 विदेशी यात्री भारत आए। इनमें से करीब 19,227 लोगों के कोविड 19 नमूने जुटाए गए, जिनमें से 124 लोगों में कोविड 19 का संक्रमण पाया गया। कोविड 19 के लिए जितने भी नमूने संक्रमित पाए गए, उन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया जिनमें 40 नमूनों की रिपोर्ट अब तक आ चुकी है। कुल 40 नमूनों में से 14 नमूनों में एक्सबीबी किस्म पाई गई। नौ नमूनों में बीक्यू1.1, बीक्यू 1.122, बीक्यू 1.1.5 पाए गए।
दुनियाभर में बढ़ते कोविड मामलों के बीच, भारत ने अंतरराष्ट्रीय विमानों से आने वाले कुल यात्रियों में से 2 फीसदी लोगों के कोविड 19 जांच के फैसले लिए, जांच में इस बात की कोई बाध्यता नहीं थी कि यात्री किस जगह से आ रहे हैं। इस बीच, 29 दिसंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार ने चीन, हॉन्ग कॉन्ग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों की 1 जनवरी 2023 से कोविड की आवश्यक जांच कराने का फैसला लिया है।
एक्सबीबी वेरिएंट की वजह से अमेरिका सहित कई देशों में कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, और जो भी लोग कोविड 19 के खिलाफ संक्रमण या टीका लेने के बाद प्रतिरोधी क्षमता विकसित कर चुके हैं, उनकी प्रतिरोधी क्षमता को यह वेरिएंट कम कर रहा है। अमेरिका में आने वाले कुल कोविड मामलों के करीब 40 फीसदी में ओमीक्रोन का यह रूप पाया जा रहा है।
भारत, जो अब तक करीब 2.2 अरब टीके की खुराक भारतीय नागरिकों को दे चुका है, ने अभी तक कोई भी ऐसा मामला दर्ज नहीं किया है। देश में रोज लगभग 160 से 200 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। बुधवार को भारत ने 1.9 लाख नमूने इकट्ठा किए। 12 दिसंबर, 2022 सप्ताह के लिए आईएनएसएसीओजी बुलेटिन में कहा गया है कि ओमीक्रोन की एक्सबीबी किस्म देश में सबसे अधिक फैल रही है।
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बुलेटिन में कहा गया कि ओमीक्रोन और इसके रूप भारत में प्रमुखता से बने हुए हैं। एक्सबीबी सबसे प्रचलित रूप (63.2 फीसदी) है, जो पूरे भारत में फैल रहा है। बीए.2.75 और बीए.2.10 भी कुछ हद तक फैल रहे थे। विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी भारत में बी.ए.2.75 प्रचलित रूप है। हालांकि, इस अवधि में बीमारी की गंभीरता या अस्पताल में भर्ती होने में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है।