भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने आज कहा कि उसने दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) को एक पत्र भेज कर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि भीड़-भाड़ की हालिया घटनाओं के बीच ‘सेवाओं में कमी’ दूर करने के लिए उसने क्या उपाय किए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित एएआई ने वर्ष 2006 में दिल्ली हवाई अड्डे को 30 साल की अवधि के लिए जीएमआर समूह के नेतृत्व वाली डायल को पट्टे पर दिया था। दोनों के बीच किए गए अनुबंध के अनुसार डायल को कुछ निश्चित उद्देश्य वाली गुणवत्ता आवश्यकताओं को बनाए रखना है।
इस अनुबंध में सेवा गुणवत्ता मानक बताते हैं कि बिजनेस क्लास और इकॉनमी क्लास के यात्रियों के लिए चेक-इन डेस्क पर कतार में लगने का अधिकतम समय क्रमशः पांच मिनट और 20 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।
गुणवत्ता मानकों में यह भी कहा गया है कि 95 प्रतिशत यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच के वास्ते कतार में लगने का अधिकतम समय 10 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।
अनुबंध के अनुसार अगर इन सेवा गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं किया जाता है, तो एएआई डायल को दंड स्वरूप मासिक राजस्व का 0.5 प्रतिशत भुगतान करने के लिए कह सकता है।
एएआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर भीड़-भाड़ की हालिया घटनाओं के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डायल को कुछ सुधारात्मक निर्देश जारी किए हैं।
इसमें कहा गया है कि एएआई द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया है, डायल की ओर से जवाब का इंतजार है। अगर जरूरत पड़ती है, तो समझौते के प्रावधानों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। डायल ने एएआई के पत्र के संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों का जवाब नहीं दिया।