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जलवायु कार्ययोजना में मिशन लाइफ शामिल, पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन के कंवेंशन के 26वें कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (कॉप 26) में मिशन लाइफ की वकालत की थी।

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पूजा दास   
Last Updated- May 22, 2025 | 12:40 AM IST

सरकार जलवायु परिवर्तन की राष्ट्रीय कार्ययोजना (एनएपीसीसी) में मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) को जोड़ने पर विचार कर रही है। यह जानकारी दो सूत्रों ने दी। अभी एनपीसीसी में जलवायु बदलाव से आठ सक्रिय क्षेत्र जैसे जल, ऊर्जा, और कृषि हैं। इनका लक्ष्य जलवायु बदलाव से निपटना है। अधिकारी ने बताया कि एनएपीसीसी में मिशन लाइफ को शामिल करने का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाने के साथ व्यक्तियों और व्यवसायों की जरूरतों का बेहतर ढंग से आकलन करना है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन के कंवेंशन के 26वें कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (कॉप 26) में मिशन लाइफ की वकालत की थी। इस मिशन की आधिकारिक तौर पर शुरुआत अक्टूबर 2022 में की गई थी। इस मिशन के तहत 2022 से 2028 के दौरान पर्यावरण की रक्षा व संरक्षण के लिए भारत और विश्व के कम से कम एक अरब लोगों को व्यक्तिगत व सामूहिक कार्रवाई के लिए संगठित करना है।  पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) मिशन लाइफ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वयक व लागू करने वाली नोडल एजेंसी है। इस मामले की उपरोक्त जानकारी देने वाले सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह मंत्रालय अन्य संबंधित पहल के लिए समन्वय करेगा। मिशन लाइफ का बतौर वैश्विक कार्यक्रम चिरस्थायी विकास के प्रति सामूहित दृष्टिकोण में तीन प्रमुख बदलाव लाना है : व्यक्तिगत स्तर पर मांग में परिवर्तन, कारोबार के स्तर पर आपूर्ति में बदलाव और चिरस्थायी खपत व उत्पादन को समर्थन देने के लिए नीति बदलाव में में मदद करना। 

First Published : May 22, 2025 | 12:40 AM IST