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Chandrayaan-4 Mission: चांद की मिट्टी को पृथ्वी पर लाएगा ISRO! ड्यूल रॉकेट सिस्टम का करेगा उपयोग

Chandrayaan-4 Mission: ISRO का यह मून मिशन बेहद रोमांचक और चुनौतियों से भरा रहने वाला है। चंद्रयान 4 को साल 2028 तक लॉन्च किया जा सकता है।

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अंशु   
Last Updated- March 10, 2024 | 5:38 PM IST

Chandrayaan-4 Mission: चंद्रमा के साउथ पोल पर कदम रख इतिहास रचने के बाद अब इसरो (ISRO) चंद्रयान 4 (Chandrayaan-4 Mission) की तैयारी कर रहा है। इसरो का यह मून मिशन बेहद रोमांचक और चुनौतियों से भरा रहने वाला है। इस मिशन में इसरो चांद की सतह से चट्टान और मिट्टी लेकर पृथ्वी पर वापस लौटेगा। अभी इस मिशन के लॉन्च होने में समय काफी समय बाकी है। चंद्रयान 4 को साल 2028 तक लॉन्च किया जा सकता है।

चांद की मिट्टी को पृथ्वी पर लाएगा ISRO

राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ की हालिया प्रस्तुति के अनुसार, “मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।” चंद्रयान 4 मिशन के सफल होने पर भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जो चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करने और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की क्षमता रखते हैं।

चंद्रयान 4- मिशन एक, रॉकेट दो

इसरो का यह मिशन बेहद रोमांचक होने वाला है। ऐसा पहली बार होगा कि एक ही मिशन के लिए दो रॉकेट लॉन्च किए जाएंगे। इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए इसरो ड्यूल रॉकेट सिस्टम का उपयोग करने वाला है। दो अलग-अलग रॉकेट अलग-अलग पेलोड ले जाएंगे। इसमें एक रॉकेट इसरो का हेवी-लिफ्टर कहे जाना वाला LVM-3 और दूसरा विश्वसनीय बाहुबली रॉकेट PSLV होगा।

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चंद्रयान 4 मिशन में होंगे पांच मॉड्यूल

राष्ट्रीय अंतरिक्ष विज्ञान संगोष्ठी में इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ की हालिया प्रस्तुति के अनुसार, चंद्रयान -4 में पांच अंतरिक्ष यान मॉड्यूल शामिल होंगे-

प्रणोदन मॉड्यूल- (Propulsion Module)
डिसेंडर मॉड्यूल- (Descender Module)
आरोही मॉड्यूल- (Ascender Module)
स्थानांतरण मॉड्यूल- (Transfer Module)
पुनः प्रवेश मॉड्यूल- (Re-entry Module)

चंद्रयान 4 मिशन इसरो के पिछले मून मिशनों से एकदम अलग है। पहले के मिशनों में 2-3 मॉड्यूल शामिल थे। इस मिशन का प्राथमिक लक्ष्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना है, और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए नमूनों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।

चांद की सतह से सैंपल लाने वाला भारत बनेगा चौथा देश

चंद्रयान-4 मिशन की सफलता भारत को चंद्रमा की सतह से नमूने वापस लाने की क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगी। यह महत्वाकांक्षी उद्यम अंतरिक्ष अन्वेषण की सीमाओं को आगे बढ़ाने और अंतरिक्ष अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।

First Published : March 10, 2024 | 5:38 PM IST