प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
केंद्र सरकार की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूरे पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम को तत्काल फिर से शुरू करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
कोलकाता उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुबह सुनवाई की। इस खंडपीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुजॉय पाल, न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन थे। सूत्रों के मुताबिक खंडपीठ ने भारत सरकार और राज्य सरकार को उच्च न्यायालय के 18 जून 2025 के पूर्व फैसले के अनुसार 100 दिन की कार्ययोजना को तत्काल फिर से लागू करने का निर्देश दिया।
यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय के केंद्र की विशेष याचिका खारिज किए जाने के बाद आया है। केंद्र की विशेष याचिका में उच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती दी गई थी। यह याचिका खारिज होने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय का पूर्व आदेश अंतिम और बाध्यकारी हो गया है। न्यायालय ने जून में केंद्र को पश्चिम बंगाल में 1 अगस्त 2025 से मनरेगा का काम फिर से शुरू करने का निर्देश दिया था।