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Bengaluru water crisis: जलसंकट से जूझ रहे बेंगलूरु की अपील, होली पर पानी वाले गुब्बारे नहीं फेंकें

Bengaluru water crisis: बेंगलूरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड चाहता है कि लोग इस बार कावेरी नदी और बोरवेल से आने वाले जल की एक-एक बूंद बचाएं।

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ऋषिका अग्रवाल   
Last Updated- March 22, 2024 | 11:29 PM IST

Bengaluru water crisis: अगर आप बेंगलूरु में रहते हैं तो इस साल होली में पूल पार्टी नहीं करें और एक-दूसरे पर पानी भरे गुब्बारे न फेंके। रंगों का त्योहार होली इस बार फीका रह सकता है क्योंकि अधिकारियों ने आमलोगों से अपील की है कि वे पानी बरबाद नहीं करें।

बेंगलूरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड चाहता है कि लोग इस बार कावेरी नदी और बोरवेल से आने वाले जल की एक-एक बूंद बचाएं। पिछले साल कमजोर मॉनसून रहने के कारण भूजल स्तर नीचे चला गया है जिससे नए बोरवेल को पानी के लिए और गहरा जाना पड़ रहा है।

इससे रोजाना 20 करोड़ लीटर पानी की कमी हो गई है। इस कमी से निपटने के लिए अधिकारी पानी की आपूर्ति को सख्ती से नियंत्रित कर रहे हैं और बागीचे, कार धोने के लिए पानी का उपयोग करने वालों से जुर्माना वसूल रहे हैं।

जिन लोगों ने होली पर पार्टी करने की योजना बनाई थी उन्होंने इसे रद्द कर दिया और नागरिक कर्तव्य दिखाते हुए सूखी होली मनाने का फैसला किया है।

करीब 400 टिकट बेचने वाले और फिर 5 से 6 लाख रुपये का नुकसान उठाने वाले वरुण स्टूडियो के संस्थापक वरुण कुमार गौड़ा ने शनिवार को होने वाले अपने रंग दे बेंगलूरु कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस कार्यक्रम में रेन डांस भी होना था।

वह जलसंकट से तुरंत निपटने की जरूरतों को समझते हैं। गौड़ा ने कहा, ‘होली तो हर साल मनाई जा सकती है, लेकिन हम पानी के बिना जिंदा नहीं रह सकते हैं। पहले हमें जलसंकट से निपटना होगा।’

इवेंट ग्रेजुएट्स के संस्थापक तेजस गौड़ा ने कहा कि वह सिर्फ खड़े होकर अपने शहर को प्रताड़ित होते नहीं देख सकते हैं इसलिए उन्होंने भी एक कार्यक्रम रद्द कर दिया जिसमें करीब 1,000 लोगों के आने की उम्मीद थी। वह कहते हैं, ‘हमारा कार्यक्रम कनकपुरा में होना था। वह इलाका जलसंकट से नहीं जूझ रहा है, लेकिन हमारी वफादारी बेंगलूरु के साथ है इसलिए हमने उस कार्यक्रम को रद्द करने का फैसला किया है।’

असल में उन्होंने अपना कार्यक्रम कनकपुरा के खेड़ा रिसॉर्ट में इसलिए भी रखा था क्योंकि वहां जल उपचार संयंत्र था। इसका मतलब हुआ कि उत्सव के दौरान उपयोग होने वाले पानी के हर बूंद का उपचार होता और वह आसपास के खेतों में सिंचाई में उपयोग किया जा सकता था। इसके बावजूद उन्होंने उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के टिकट की रकम पहले ही वापस कर दी।

होली सप्ताहांत पर बुक माय शो पर 20 से अधिक कार्यक्रम सूचीबद्ध हैं। उनमें से कुछ रद्द कर दिए हैं जबकि अन्य के आयोजक जश्न मनाने के अन्य तरीके तलाश रहे हैं।

एसडी इवेंट्स के संस्थापक सोनू बीएस ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यक्रम के लिए जरूरी पानी पहले ही जमा कर लिए हैं, लेकिन नियामकीय मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। सोनू ने कहा, ‘हमारे द्वारा जमा किया हुआ पानी अभी ही पुराना हो गया है और अगर हम इसका उपयोग नहीं करते हैं तो शायद ये खराब हो जाए।’

अगर सोनू को मंजूरी नहीं मिलती है तो फिर उनके पास सूखी होली मनाने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा, लेकिन वह इसको लेकर चिंतित हैं। वह कहते हैं, ‘मांग भी नहीं है। हम बेचे गए टिकटों की संख्या में भी भारी गिरावट देख रहे हैं।’ पिछले साल 1,200 से अधिक लोगों की जुटान हुई थी। इसके विपरीत सोनू को उम्मीद है कि इस बार बमुश्किल 400 लोग ही जुटेंगे।

First Published : March 22, 2024 | 11:29 PM IST