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Maharashtra: विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में लागू होगी बांस नीति

राज्य में बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विधानसभा चुनावों के पहले राज्य सरकार बांस नीति लागू करने की कवायद भी शुरू हो चुकी है।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- June 11, 2024 | 8:20 PM IST

Bamboo Policy: लोक सभा चुनाव के खत्म होते ही सरकार कामकाज में सक्रिय हो गई। सरकार की प्राथमिकता किसानों के मुद्दों को हल करने की है। चुनाव के पहले और चुनावों के बीच में फसल खराब होने से किसानों को जो नुकसान हुआ है उसका मुआवजा जल्द दिया जाएगा। राज्य में बांस की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विधानसभा चुनावों के पहले राज्य सरकार बांस नीति लागू करने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र में नवबंर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।

राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बांस की खेती के प्रति सहानुभूति रखती है और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी कि राज्य में बांस उद्योग फले-फूले। राज्य सरकार आचार संहिता हटते ही बांस नीति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देशानुसार हमने पूरे राज्य में बांस की खेती बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं और इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एक नीति लाने के बारे में सोच रहे हैं। यह नीति रोजगार के अवसर पैदा करके बांस उद्योग को उद्योग का दर्जा देने में मदद करेगी।

यह बांस उद्योग को मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना में लाने में भी मदद करेगी। सामंत ने कहा और कहा कि एक बार बांस उद्योग को ईजीएस में शामिल कर लिया जाए, तो लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में 50 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 25 फीसदी सब्सिडी के साथ 50 लाख रुपये का ऋण प्राप्त करने के पात्र होंगे।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक किसान के बेटे के रूप में मैं किसानों के मुद्दों से निपटने के लिए हमेशा आगे रहता हूं। मैं गांव जाता हूं और खेती भी करता हूं। सरकार ने बांस की खेती के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है। प्रदेश में बारिश की अच्छी शुरुआत हुई है।

मराठवाड़ा विदर्भ में सोयाबीन और कपास के किसानों को थोड़ी परेशानी हुई। मैंने इन सबके लिए प्रावधान किया था लेकिन आचार संहिता के कारण इसका वितरण नहीं कर सका। किसानों को मदद राशि जल्द मिलेगी। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा हुई है।

असमय बारिश के कारण किसानों का आर्थिक नुकसान हुआ जिसका अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है। खरीफ सीजन की फसलों की बुआई की तैयारी करनी है। जिसके ल‍िए पैसे की जरूरत है। किसानों का कहना है कि प्रशासन जल्दी सर्वे कर सरकार को नुकसान की रिपोर्ट भेजें और किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा म‍िले। मुआवजा मिल जाए तो बुआई का काम आसान हो जाएगा ।

First Published : June 11, 2024 | 8:20 PM IST