भारत

Article 370 Verdict : अनुच्छेद 370 खत्म करने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर, जानें SC के फैसले की मुख्य बातें

Article 370 Verdict : संविधान पीठ तीन अलग-अलग, परंतु सर्वसम्मत फैसले सुनाने के लिए पूर्वाह्न 10 बजकर 56 मिनट पर बैठी।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- December 11, 2023 | 12:55 PM IST

Article 370 Verdict : प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की संविधान पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के लिए पांच अगस्त 2019 के केंद्र के फैसले की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सर्वसम्मत, लेकिन तीन अलग-अलग फैसले सुनाए। संविधान पीठ तीन अलग-अलग, परंतु सर्वसम्मत फैसले सुनाने के लिए पूर्वाह्न 10 बजकर 56 मिनट पर बैठी। न्यायमूर्ति कौल और न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने फैसले अलग-अलग लिखे। न्यायालय ने Article 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 16 दिन तक सुनवाई करने के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मुख्य बातें

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक रूप से वैध- CJI ने कहा कि हम संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं। CJI ने कहा कि राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल के लिए परामर्श और सहयोग के सिद्धांत का पालन करना आवश्यक नहीं था।

निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव कराए- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए।

जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला वैध- शीर्ष अदालत ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को अलग करने के फैसले की वैधता को भी बरकरार रखा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘…भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर (भी) लागू हो सकते हैं।’’

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल हो- CJI ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।

संविधान का अनुच्छेद 370 अस्थायी- CJI ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 अस्थायी था, राष्ट्रपति के पास इसे रद्द करने की शक्ति अब भी है। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में युद्ध की स्थिति के कारण संविधान का अनुच्छेद 370 अंतरिम व्यवस्था थी।

जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं- CJI ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं थी। आगे उन्होंने कहा कि हमारा फैसला है कि राष्ट्रपति का राज्य से नहीं बल्कि केंद्र से सहमति मांगना वैध है, भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू हो सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग- CJI ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बना, यह संविधान के अनुच्छेद एक और 370 से स्पष्ट है। जम्मू-कश्मीर के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति की घोषणा की वैधता पर फैसला देने की आवश्यकता नहीं- CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय को जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति की घोषणा की वैधता पर फैसला देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने इसे चुनौती नहीं दी है।

First Published : December 11, 2023 | 12:55 PM IST