भारत में मानसून की बारिश सोमवार को उत्तर-पश्चिमी हिस्सों से वापस लौटने लगी है, जो सामान्य से करीब एक हफ्ता देर से शुरू हुई है। यह जानकारी भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दी।
भारत में वार्षिक मानसून देश की लगभग 70 प्रतिशत बारिश प्रदान करता है, जिससे खेतों की सिंचाई, तालाबों और भूजल भंडार को भरने में मदद मिलती है। यह करीब 3.5 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है।
भारत के लगभग आधे खेत मानसून पर निर्भर रहते हैं, क्योंकि इनकी सिंचाई के लिए कोई अन्य साधन नहीं है। मानसून की बारिश आमतौर पर जून से सितंबर तक चलती है।
सामान्य तौर पर मानसून जून में शुरू होता है और 17 सितंबर से लौटना शुरू हो जाता है, लेकिन इस साल बारिश देर तक चलती रही। इससे जलाशय तो भर गए, लेकिन कुछ राज्यों में तैयार फसलों को नुकसान भी पहुंचा।
अगस्त में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट किया था कि इस साल एक निम्न दबाव प्रणाली विकसित होने के कारण मानसून की बारिश सितंबर के अंत तक बढ़ सकती है।
IMD के अनुसार, इस सीजन में अब तक मानसून की बारिश औसत से 5.5 प्रतिशत ज्यादा रही है।
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटों में पश्चिम राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कुछ हिस्सों से मानसून के और पीछे हटने के अनुकूल हालात बन रहे हैं।