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Voter ID-Aadhaar Link: अब आधार कार्ड और वोटर आईडी होंगे लिंक, जानें चुनाव आयोग ने क्या कहा

Voter ID-Aadhaar card linking: आयोग ने एक बयान में कहा कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत लिया गया है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 21, 2025 | 8:12 AM IST

अब वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है।

दिल्ली में एक अहम बैठक में वोटर ID को आधार कार्ड से लिंक करने पर बड़ा फैसला लिया गया है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय, UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) और चुनाव आयोग के अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के बाद चुनाव आयोग ने वोटर ID (EPIC) को आधार से जोड़ने की आधिकारिक मंजूरी दे दी है। आयोग ने एक बयान में कहा कि यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत लिया गया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा WP (सिविल) नंबर 177/2023 में दिए गए फैसले का भी पालन किया जाएगा।

चुनाव आयोग ने बताया कि अब UIDAI और आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच इस मुद्दे पर जल्द ही तकनीकी बातचीत शुरू होगी।

गौरतलब है कि इससे पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य किया गया था। अब इसी तरह वोटर ID को भी आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़ा रोकने और चुनाव प्रणाली को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।

चुनाव आयोग और सरकारी अफसरों की एक अहम बैठक में वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने पर बातचीत हुई। इसमें इस प्रक्रिया के फायदे, नुकसान और कानूनी मुद्दों पर चर्चा की गई।

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अब तक चुनाव आयोग ने 66 करोड़ से ज्यादा वोटरों से आधार नंबर मांगा है। इन लोगों ने स्वेच्छा से अपनी जानकारी दी भी है।

लेकिन आयोग ने अभी तक इन आधार नंबरों को वोटर डेटाबेस से लिंक नहीं किया है। इसका मतलब यह है कि आधार की मदद से डुप्लीकेट नाम हटाने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है।

EC ने बताया है कि आधार और वोटर आईडी से जुड़ी प्रक्रिया को लेकर यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही बातचीत शुरू होगी।

EC ने सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि अब तक देश के 66.23 करोड़ वोटर्स ने अपनी मर्जी से आधार नंबर दिए हैं। इस समय देश में कुल वोटर्स की संख्या करीब 99.2 करोड़ है।

इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने माना कि कुछ राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने EPIC नंबर जारी करते समय गलत अल्फा-न्यूमेरिक सीरीज का इस्तेमाल किया था। आयोग ने यह भी बताया कि कुछ वोटरों का EPIC नंबर एक जैसा हो सकता है, लेकिन उनके व्यक्तिगत विवरण, विधानसभा क्षेत्र और मतदान केंद्र की जानकारी अलग-अलग है।

वोटर आईडी को आधार से कैसे जोड़ा जाएगा? चुनाव आयोग ने क्या कहा?

फिलहाल यह साफ नहीं है कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया कैसे चलेगी। चुनाव आयोग ने अभी तक इस बारे में कोई ठोस तरीका नहीं बताया है। हालांकि आयोग ने अपने बयान में कहा है कि यह काम जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि इस मामले में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) और चुनाव आयोग (ECI) के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स के बीच जल्द बातचीत होगी, ताकि आगे की प्रक्रिया तय की जा सके।

जानकारी के लिए बता दें कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की जिन धाराओं का जिक्र किया गया है, उनके अनुसार—

  • मतदाता की पहचान के लिए आधार की जानकारी मांगी जा सकती है,

  • मौजूदा मतदाता अपने आधार नंबर स्वेच्छा से दे सकते हैं,

  • और अगर कोई आधार जानकारी नहीं देता है, तो उसे मतदाता सूची से बाहर नहीं किया जा सकता।

यानी, आधार नंबर देना जरूरी नहीं है, और इसके अभाव में किसी भी व्यक्ति को वोट डालने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

First Published : March 21, 2025 | 8:12 AM IST