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अगले दौर में हो सकती है 30 भूमिगत कोयला खदानों की नीलामी

वाणिज्यिक कोयला खनन को बढ़ावा देने और निजी निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला मंत्रालय विभिन्न राज्यों में रोड शो आयोजित कर रहा है।

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पूजा दास   
Last Updated- March 03, 2025 | 10:19 PM IST

वाणिज्यिक कोयला नीलामी के आगामी दौर में केंद्र ने 30 भूमिगत कोयला खदानों की नीलामी की योजना बनाई है। दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि इसका उद्देश्य पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

यह कवायद तब की जा रही है जब कोयला मंत्रालय ऊर्जा और विनिर्माण की घरेलू मांगों को पूरा करने और आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए मौजूदा सालाना 3.43 करोड़ टन के उत्पादन को साल 2030 तक भूमिगत कोयला खनन को सालाना 10 करोड़ टन तक बढ़ाना चाहता है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘12वें दौर की नीलामी के लिए रोड शो चल रहे हैं। इस बार हमारा ध्यान भूमिगत खदानों पर है क्योंकि हमारा लक्ष्य साल 2030 तक भूमिगत खदानों के जरिये हर साल 10 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करना है, जो अभी काफी कम है। आमतौर पर भूमिगत खदानें पर्यावरण के अनुकूल होती हैं।’

उन्होंने खुलासा किया, ‘11वें दौर तक यह खुली और भूमिगत खदानों की नीलामी की जा रही है थी मगर नीलामी के 12वें दौर में भूमिगत खदानों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है और आगे भी इसके लिए अधिक पेशकश की जाएंगी।’ उन्होंने कहा कि हालांकि, संख्या अभी तय नहीं की गई है, लेकिन अगले दौर की नीलामी में करीब 30 भूमिगत खदानों को रखा जाएगा। मगर अधिकारी ने नीलामी में शामिल होने वाली भूमिगत खदानों के नाम का खुलासा नहीं किया।

वाणिज्यिक कोयला खनन को बढ़ावा देने और निजी निवेश आकर्षित करने के लिए कोयला मंत्रालय विभिन्न राज्यों में रोड शो आयोजित कर रहा है। वाणिज्यिक कोयला खदानों के 12वें दौर की नीलामी इसी महीने के दूसरे हफ्ते में शुरू होने की संभावना है। पिछली नीलामी में सरकार ने 27 वाणिज्यिक कोयला खदानों की पेशकश की थी, जिसमें खुली और भूमिगत दोनों खदानें शामिल थीं।

अधिकारी ने कहा, ‘आमतौर पर भूमिगत कोयला खदानें खुली खदानों के मुकाबले पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करती हैं और इसके लिए आपको वनों की सफाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है। वनों के भीतर ही आपको सिर्फ नीचे जाने के लिए खुदाई करनी होगी ताकि सतह को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।’

हालांकि, खबर प्रकाशित होने तक कोयला मंत्रालय के सचिव और प्रवक्ता को भेजे गए सवालों को कोई जवाब नहीं मिला।

फिलहाल, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक, आयातक और उपभोक्ता है। यह कोयला खनन से मीथेन का सबसे बड़ा उत्सर्जक भी है। बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने और कोयले के आयात को कम करने के लिए कोयला मंत्रालय घरेलू अपने नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार के साथ-साथ कोयला खनन में महत्त्वपूर्ण विस्तार की योजना बना रहा है।

यदि इसे लागू किया जाता है, तो घरेलू कोयला खनन का सालाना उत्पादन स्तर तक पहुंच सकता है जो पेरिस समझौते पर सहमति होने के समय की दर से 2.2 गुना अधिक है। शनिवार को एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि पिछले साल अप्रैल से इस साल फरवरी तक देश में कुल कोयला उत्पादन 92.89 करोड़ टन रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 87.85 करोड़ टन से 5.73 फीसदी अधिक है। 

First Published : March 3, 2025 | 10:17 PM IST