केंद्र सरकार जल्द ही IndiaAI कंप्यूट पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जिससे केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों सहित प्रमुख स्टेकहोल्डर्स इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कंप्यूट क्षमता (compute capacity) का अनुरोध कर सकेंगे। इस पहल के तहत, IndiaAI कंप्यूट पिलर ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और मुख्य सचिवों को एक मेमो जारी किया है, जिसमें कंप्यूट क्षमता, नेटवर्क और स्टोरेज सेवाओं के लिए सब्सिडी दरों (subsidised rates) के बारे में बताया गया है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, IndiaAI मिशन “एलिजिबल यूजर्स” (eligible users) के लिए लगभग 40 प्रतिशत कंप्यूटिंग लागत को कवर करेगा।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने न्यूज वेबसाइट मनीकंट्रोल से कहा, “बहुत जल्द, अगले 7-8 दिनों में, हम पोर्टल लॉन्च करने जा रहे हैं। जब हम इसे लॉन्च करेंगे, तो आपको पता चल जाएगा।”
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि IndiaAI मिशन लगभग 14,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) के माध्यम से शेयर्ड कंप्यूटर रिसोर्सेज (shared computing resources) की सुविधा देगा। ये GPU उन दस कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे, जिन्होंने सबसे कम बोली लगाई थी।
इनमें से 14,000 GPU पहले से ही Yotta Data Services, E2E Networks, Tata Communications और AWS के मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर्स (managed service providers) के माध्यम से उपलब्ध हैं, जबकि बाकी 4,000 GPU की खरीद की जानी बाकी है। Jio Platforms और CtrlS Datacenters जैसी कंपनियां इन अतिरिक्त GPU को खरीदने की संभावना रखती हैं।
करीब 70 प्रतिशत GPU हाई कैपेसिटी वाले मॉडल हैं, जबकि बाकी 30 प्रतिशत कम क्षमता या पुराने जनरेशन के GPU हैं।
Yotta Data Services सबसे अधिक कंप्यूट कैपिसिटी देने जा रही है, जिसमें 9,216 GPU शामिल हैं, जिनमें से 8,192 Nvidia H100 चिप्स हैं। इसके अलावा, AWS अपने चार मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर्स — CMS Computers, Locuz Enterprise Solutions, Orient Technologies और Vensysco Technologies — के माध्यम से 1,200 लोअर-एंड GPU की आपूर्ति करेगा, जिसमें 800 AWS Inferentia 2 और 400 Trainium 1 चिप्स शामिल हैं।
Jio Platforms ने 208 Nvidia H200 GPU और 104 AMD MI300X GPU देने की बात कही है और 30 अप्रैल को होने वाली अगली सूचीबद्ध प्रक्रिया (empanelment process) के दौरान अतिरिक्त GPU के लिए कम दरों पर नई बोली लगाने की योजना बनाई है।
भारतीय सरकार घरेलू स्तर पर एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल विकसित करने के प्रयासों को तेज कर रही है। यह खासकर चीन के DeepSeek के जवाब में किया जा रहा है, जिसे प्रमुख AI कंपनियों (जैसे OpenAI) की तुलना में बहुत कम लागत में विकसित किया गया है और यह पुराने चिप्स पर प्रशिक्षित किया गया है।
नए GPU प्राप्त करने की यह पहल रिसर्चर्स (researchers) और स्टार्टअप्स को आवश्यक कंप्यूटिंग शक्ति (computing power) देने के उद्देश्य से की जा रही है, ताकि वे फाउंडेशनल AI मॉडल (foundational AI models) विकसित कर सकें। ये मॉडल ही AI-पावर्ड चैटबॉट्स, जैसे कि ChatGPT और Gemini, के मूल आधार होते हैं।