वित्त-बीमा

UPI ने तोड़ा रिकॉर्ड: मार्च 2025 में ₹24.77 लाख करोड़ के लेनदेन का नया कीर्तिमान, रोजाना ₹59 करोड़ का ट्रांजेक्शन

यूपीआई की शुरुआत अप्रैल 2016 में हुई थी। इसके बाद यूपीआई ने पहली बार मूल्य के मामले में 24 लाख करोड़ रुपये और मात्रा के मामले में 19 अरब लेनदेन की संख्या को पार किया है।

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शाइन जेकब   
Last Updated- April 01, 2025 | 10:30 PM IST

एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) के लेनदेन ने मार्च 2025 में नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। मार्च में यूपीआई के माध्यम से मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से सबसे ज्यादा लेनदेन हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान कुल 24.77 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 19.78 अरब लेनदेन हुए। मार्च में फरवरी की तुलना में मूल्य के संदर्भ में 13 फीसदी जबकि संख्या के मामले में 14 फीसदी ज्यादा लेनदेन हुआ। 

यूपीआई की शुरुआत अप्रैल 2016 में हुई थी। इसके बाद यूपीआई ने पहली बार मूल्य के मामले में 24 लाख करोड़ रुपये और मात्रा के मामले में 19 अरब लेनदेन की संख्या को पार किया है। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में मूल्य के हिसाब से लेनदेन 30 फीसदी बढ़कर 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 2023-24 में 199.96 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह संख्या 42 फीसदी बढ़कर 260.56 अरब हो गई जो कि बीते वित्त वर्ष में 185.85 अरब थी। 

इससे पूर्व फरवरी में लेनदेन की संख्या मासिक आधार पर 5 फीसदी गिरकर 16.11 अरब हो गई थी जबकि यह संख्या जनवरी में 16.99 अरब थी। इसी तरह लेनदेन का फरवरी में मासिक आधार पर मूल्य 6.5 फीसदी गिरकर 21.48 लाख करोड़ रुपये हो गया जो कि जनवरी में 23.48 लाख करोड़ रुपये था। 

मार्च, 2024 की तुलना में मार्च, 2025 में यूपीआई लेनदेन की संख्या में 36 फीसदी और मूल्य में 25 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई। मार्च, 2025 में दैनिक लेनदेन की संख्या बढ़कर 59 करोड़ हो गई जबकि यह संख्या फरवरी 2025 में 57.5 करोड़ थी। 

मार्च में तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) से लेनदेन की संख्या 14 फीसदी बढ़कर 46.2 करो़ड़ हो गई जबकि यह फरवरी में 40.5 करोड़ थी। मूल्य के लिहाज से देखें तो आईएमपीएस से मार्च में 19 फीसदी अधिक 6.88 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ जबकि यह फरवरी में 5.63 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। 

फास्टैग से मार्च में लेनदेन की संख्या 1.3 फीसदी गिरकर 37.9 करोड़ हो गई जबकि यह फरवरी में 38.4 करोड़ थी। हालांकि इस अवधि में इसका मूल्य 3 फीसदी बढ़कर 6,800 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह मार्च में 6,601 करोड़ रुपये था। 

आधार आधारित भुगतान प्रणाली से मार्च में लेनदेन की संख्या 20 फीसदी बढ़कर 11.3 करोड़ हो गई जबकि यह फरवरी में 9.4 करोड़ थी। इस क्रम में मूल्य 25 फीसदी बढ़कर 30,539 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह फरवरी में 24,410 करोड़ रुपये था। 

First Published : April 1, 2025 | 10:30 PM IST