‘क्रांति हर युग की एक पहचान है, क्रांति एक अनिवार्य मांग है।’ इसमें कोई शक नहीं कि क्रांति हमेशा बदलाव लेकर आती है।
यहां क्रांति का आशय किसी युध्द या महासंग्राम से नहीं बल्कि वैश्विक परिदृश्य में तेजी से बदलते उपकरणों से है। वर्तमान में जितनी तेजी से तकनीकी उपकरणों या सूचना प्रौद्योगिकी में बदलाव देखने को मिला है, शायद ही किसी अन्य क्षेत्र में ऐसा बदलाव आया होगा।
मानो ऐसा लगता है जैसे एनालॉग दुनिया (प्रिंट, टीवी, रेडियो) गायब ही हो चुकी है और उसकी जगह आज के अत्याधुनिक उपकरणों, उदाहरणस्वरूप इंटरनेट, ब्लॉग, ई-मेल, आईपॉड, मोबाइल फोन, वीओआईपी (वॉइस-ओवर-इंटरनेट-प्रोटोकॉल), प्ले स्टेशन और इसी तरह की अन्य उपकरणों ने ले ली है।
अब जमाना जियोडेसिक इंफॉर्मेशन सिस्टम जैसी सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन कंपनियों की है, जो मुख्य रूप से मोबाइल और कंप्यूटर के लिए इंफार्मेशन, कम्युनिकेशन और इंटरटेंमेंट (आईसीआई) यानी सूचना, संचार और मनोरंजन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
एक ‘संदेशवाहक’ से कहीं अधिक
जियोडेसिक इंफॉर्मेशन सिस्टम, जो ‘मुंडु’ ब्रांड्स के तहत अपना परिचालन करती है, दो ऑपरेटरों के बीच शीघ्र संदेश भेजने के लिए सबसे अग्रणी मानी जाती है। इस कंपनी ने इंटरनेट, वायलेस और अन्य प्लेटफॉर्मों पर गूगल टॉक, आईसीक्यू, एमएसएन और याहू आदि के बीच सराहणीय काम किया है। लेकिन यह कंपनी सिर्फ संदेशवाहक के रूप में ही नहीं जानी जाती है, बल्कि यह कई महत्वपूर्ण कार्यों की भी रूपरेखा तैयार करती है।
यह कंपनी विभिन्न वेबसाइटों, पोर्टलों और अन्य प्रकाशनों में भी काफी प्रचलित है। यह वेबसाइटों की रख-रखाव और अन्य सेवाएं मुहैया करवाती है ताकि वेबसाइटों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिल सके। उल्लेखनीय है कि जियोडेसिक इंफॉर्मेशन सिस्टम वेबसाइटों व अन्य कंपनियों को लाइसेंस, सब्सक्रिप्शन फी, कस्ट्माइजेशन चार्ज, ऐड-रेवेन्यू में हिस्सेदारी और रख-रखाव व अन्य सहायता मुहैया करवाती है और यही कंपनी की राजस्व उगाही का स्रोत भी है।
यह भी विदित है कि वित्तिय वर्ष 2008 के दौरान जब कंपनी का कुल राजस्व 88 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 316.8 करोड़ रुपये था उस वक्त कंपनी का शुध्द लाभ 70 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 155 करोड़ रुपये पर था।
सूचना
इसमें अतिशयोक्ति नहीं कि वर्तमान समय में इंटरनेट सबसे तेजी से उभरने वाले मीडिया एड्वर्टाइंजिंग चैनलों में से एक है। एक आंकड़े के मुताबिक कुल एड्वर्टांजिंग-बजट का करीब 15 से 20 फीसदी राशि आनलाइन एड्वर्टांजिंग को मिलता है। बहरहाल, जियोडेसिक इंफॉर्मेशन सिस्टम द्वारा कांट्रैक्ट बेस्ड एड्वर्टांजिंग प्रोड्क्ट विकसित किया गया है।
इस सिस्टम से कंपनी को प्रयोक्ता के अधिग्रहण में मदद मिलती है। इससे संबंधित वेबसाइट के ऐड-रेवेन्यू में बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा जियोडेसिक कंपनी कस्टमर रिलेशन मैनेजमैंट (सीआरएम) सॉफ्टवेयर, जिसे स्पाइडर कहा जाता है, को भी मुहैया करवाती है। इसमें कोई शक नहीं कि इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से वेबसाइट व अन्य कंपनियां काफी तेजी से फल-फूल रही हैं। इस तरह के सॉफ्टवेयर वेबसाइटों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
संचार
मुंडु आईएम न केवल सिंगल यूजर इंटरफेस के जरिए सभी प्रमुख आईएम सेवा प्रदाताओं से आपको जोड़ता (संचारित) है बल्कि यह मल्टीनेटवर्क कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी मुहैया करवाती है। यहां आईएम का आशय इंस्टेंट मैसेजिंग यानी शीघ्र संदेश भेजने से है। जियोडेसिक कंपनी एक बार सब्सक्रिप्शन द्वारा आईएम को डॉउनलोड करने के लिए 11 डॉलर चार्ज करती है।
उल्लेखनीय है कि आईएम को मोबाइल फोन और कंप्यूटर पर डॉउनलोड किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान आईएम का रोजाना डॉउनलोड 1,800 से 5,000 की रेंज में था। इन आंकड़ों से यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मार्केट में इस प्रोडक्ट की लोकप्रियता कितनी है। इसमें कोई शक नहीं कि आज मार्केट में आईएम सॉफ्टवेयर की मांग बढ़ रही है।
अगर मोबाइल फोन सेग्मेंट की बात की जाए, तो वहां मुंडु पैकेज इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बहुत अधिक है। अपने दमदार पैकेज की वजह से भी यह उपभोक्ता की सबसे पसंदीदा पैकेज (मुंडु पैकेज) बन गई है। इस पैकेज में इंस्टेंट मैसेजिंग (आईएम), वॉइस-ओवर-इंटरनेट-प्रोटोकॉल (वीओआईपी) और इंटरनेट रेडियो आदि सेवाएं मुहैया कराई जाती है।
मनोरंजन
जियोडेसिक अपने मोबाइल इंटरनेट रेडियो सेवा मुंडू रेडियो के जरिए पूरे विश्व भर में 1.5 लाख रेडियो चैनल को अपनी सेवा मुहैया कराती है। मुंडू रेडियो आईएम के साथ जुड़ा हुआ है। जियोडेसिक के साथ मिलकर आइडिया सेलुलर ने हाल ही में जीपीआरएस व इंटरनेट रेडियो पैकेज की शुरुआत की है।
इस शुरुआत से इसके उपभोक्ताओं को 40 डिजिटल चैनल की सेवाएं मिल रही हैं। इस सुविधा के लिए उन्हें प्रतिमाह 149 रुपये खर्च करने होते हैं। इस मामले में जियोडेसिक को प्रति उपभोक्ता 30 फीसदी की कमाई होगी।
गत वर्ष जियोडेसिक ने 60 साल पुरानी बच्चों की पत्रिका चंदामामा को 10 करोड़ रुपये में अपने अधीन कर प्रकाशन में भी प्रवेश कर लिया है। 5,000 कहानियों के संग्रह के साथ कंपनी लोगों के लिए ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने की योजना बना रही है। जिसके जरिए लोगों को ऑडियो, वीडियो, एनिमेशन व ग्राफिक्स की सुविधाएं दी जाएंगी।
बढ़ोतरी की संभावनाएं
हाल में कराए गए सर्वे के मुताबिक विश्व में 450 मिलियन स्मार्टफोन उपलब्ध है। उम्मीद की जा रही है कि अगले पांच सालों में 30 फीसदी की दर से स्मार्टफोन की संख्या में बढ़ोतरी होगी। यह सर्वे एक प्राथमिक सर्वे कंपनी इन-स्टेट ने की है। सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि मोबाइल फोन धारक एक ही उपकरण में अपनी जरूरत के मुताबिक हर प्रकार की सुविधा चाहते हैं।
जियोडेसिक ने अपने आधार मुंडू प्लेटफार्म को सीआरएम सोल्यूशन व फोन से जुड़ी विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से लैस किया है। इसके तहत फोन में रेडियो सेवा व डेस्कटॉप जैसी चीजें शामिल की गयी हैं। ऐसा होने से मुंडू के सेवाधारकों को एक साथ ही संगीत, खबर व दूरसंचार की अन्य सुविधाएं मिल जाएंगी। उन्हें अलग से किसी यंत्र को नहीं ढोना पड़ेगा। इस सुविधाओं से लैस होने के कारण वर्ष 2008 में इसके उपभोक्ताओं की संख्या में खासा बढ़ोतरी हुई है।
अगले साल यानी कि वित्त वर्ष 2009 में कंपनी अपने वीओआईपी सूइट का विस्तार करने की योजना बना रही है। इस वीओआईपी हार्डवेयर की कीमत 1500 रुपये से कम रखने की योजना है। माना जा रहा है कि इस हार्डवेयर की बाजार में काफी अधिक मांग निकलेगी।
तर्कसंगत निवेश
इन सुविधाओं को अपने उत्पाद में जोड़ने के बाद जियोडेसिक को तरलता के उतार-चढ़ाव व मंदी जैसी चीजों से मुकाबला करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। जैसा कि इन दिनों दूसरी आईटी कंपनियों को करना पड़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस कंपनी के उत्पाद की अच्छी साख है।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2008-10 के दौरान जियोडेसिक के राजस्व व आमदनी में 49 फीसदी व 31 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। 200 रुपये के हिसाब से इसके शेयर में वित्त वर्ष 09 के अनुमान से 8.1 गुना अधिक मुनाफे की उम्मीद है। जियोडेसिक का मूल्यांकन काफी आकर्षक है और अगले एक साल के दौरान इसमें निवेश करने वालों को 35 फीसदी तक मुनाफा मिलने की संभावना है।