वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। लेकिन सरेंडर वैल्यू से जुड़े नए नियम इस उद्योग के कामकाज के तरीके में बदलाव को बढ़ावा देंगे। ऊंचे भुगतान को देखते हुए बीमा कंपनियों के निरंतरता पर ध्यान दिए जाने की संभावना है और उन्हें नए बिजनेस की वैल्यू (वीएनबी ) के मार्जिन पर विपरीत प्रभाव से निपटना पड़ सकता है।
ग्राहक जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा, कंपनियों को ऊंचे अपफ्रंट कमीशन ढांचे की समीक्षा करने के साथ-साथ ट्रेल कमीशन बढ़ाना होगा जिससे कि व्यवसाय को प्रोत्साहन मिले। उन्हें नॉन-पार प्रोडक्ट आईआरआर (इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न) की भी समीक्षा करनी होगी और ग्राहकों की नकदी जरूरतें पूरी करने के लिए बीमा पर ऋण देने जैसी नई पेशकशों पर विचार करना होगा।
एचडीएफसी लाइफ को समय से पहले पॉलिसी बंद होने पर ऊंची सरेंडर वैल्यू की वजह से वीएनबी मार्जिन पर 100 आधार अंक का सकल प्रभाव पड़ने का अनुमान है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ योजनाओं में ट्रेल/लेवल कमीशन ढांचों में पहले ही बदलाव कर चुकी है और कमीशन ढांचे में संशोधन की संभावना तलाश रही है। नॉन-लिंक्ड व्यवसाय करीब 20 प्रतिशत है और इस पर प्रभाव कम होगा।
मैक्स लाइफ को यह प्रभाव 100-200 आधार अंक के दायरे में रहने का अनुमान है और वह वितरण विज्ञापनों के पुनर्गठन, तथा परिपक्वता और सरेंडर प्रस्तावों को पुनः संशोधित करके इस प्रभाव को कम करने की दिशा में काम कर रही है। एसबीआई लाइफ के प्रबंधन को अपनी यूलिप-केंद्रित योजना की वजह से मार्जिन पर ज्यादा प्रभाव पड़ने की आशंका नहीं है। कंपनी के कमीशन ढांचे में भी बदलाव की संभावना नहीं है।
एचडीएफसी लाइफ ने चार साल में वीएनबी दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और रिटेल एपीई (सालाना प्रीमियम इक्विलेंट) वृद्धि में उद्योग से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई है। आईसीआईसीआई प्रू लाइफ के प्रबंधन को वित्त वर्ष 2025 में उद्योग के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है जबकि वीएनबी वृद्धि को पहले के अनुमान के अनुसार व्यवसाय वृद्धि के अनुरूप बनाए रखा जाएगा। मैक्स लाइफ ने वीएनबी वृद्धि 18 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान जताया है। एसबीआई लाइफ 28 प्रतिशत वीएनबी मार्जिन के साथ 20 प्रतिशत की एपीई वृद्धि की उम्मीद कर रही है।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही को आधार प्रभाव से मदद मिली लेकिन 2 साल के सीएजीआर आधार पर भी कंपनियों के अपने अपने एपीई में 13-26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बीमा कंपनियों ने वृद्धि की रफ्तार मजबूत बनाने के लिए श्रेणी के तौर पर यूलिप पर ध्यान केंद्रित किया है।
इसकी वजह पूंजी बाजारों का बेहतर प्रदर्शन है और बड़े आकार की पुरानी योजनाएं कराधान में बदलाव से प्रभावित हो रही हैं। यूलिप क्षेत्र में नई योजनाएं और फंड शेयर बाजार के मजबूत रुझान का लाभ उठाएंगे। खुदरा सुरक्षा में वृद्धि और बचत योजनाओं में शर्तों की अधिकता से बीमित राशि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
निजी बीमा कंपनियों के लिए वेटेड रिसीव्ड प्रीमियम (डब्ल्यूआरपी) जून 2024 में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़ा। उद्योग के लिए जून 2024 में यह सालाना आधार पर 18.9 प्रतिशत बढ़ा। पूरे वित्त वर्ष 2024 में निजी कंपनियों के लिए यह वृद्धि सालाना आधार पर 8 प्रतिशत रही।