पिछले एक महीने में बीएसई मेटल और सेंसेक्स में सिर्फ एक-दो फीसदी का उछाल आया था, लेकिन जिंदल स्टील एंड पावर के शेयरों की कीमत में करीब 30 फीसदी का उछाल आ गया।
यह बात कई लोगों के लिए काफी हैरत भरी रही है। वजह यह है कि पिछली तिमाही में करीब सभी स्टील कंपनियों की कमाई और मुनाफे में गिरावट दर्ज हुई थी। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार में स्टील की कीमतों में काफी गिरावट आई थी।
साथ ही, मांग को कम देखते हुए उन्हें अपने उत्पादन में भी कटौती करनी पड़ी थी। हालांकि, भला हो ऊर्जा कारोबार का, जिसकी वजह से कंपनी के आंकड़े काफी सेहतमंद नजर आए। अब यह साफ नजर आ रहा है कि भले ही स्टील को लेकर विश्लेषकों का नजरिया ज्यादा उत्साहित करने वाला नहीं हो, लेकिन कंपनी अब अपने ऊर्जा कारोबार से ज्यादा कमाई करेगी।
बड़ी स्टील कंपनियों में इसकी हालत काफी अच्छी है। वजह यह है कि जीएसपीएल मुख्य रूप से भारी स्टील का उत्पादन करती है, जिसका इस्तेमाल निर्माण सेक्टर में ज्यादा होता है। आज भी भारी स्टील की मांग काफी ज्यादा है। साथ ही, इसके ऊपर जाने की ही उम्मीद है।
दरअसल, बुनियादी ढांचे पर इतना खर्च जो हो रहा है। जीएसपीएल स्पॉन्ज आयरन, स्टील, पिग आयरन और फेरो-कोरमे उत्पादों का उत्पादन करती है। कंपनी की स्टील उत्पादन की क्षमता 29 लाख टन की है, जबकि वह 14 लाख टन स्पॉन्ज आयरन का उत्पादन कर सकती है।
कंपनी सबसे सस्ते कोयला आधारित स्पॉन्ज आयरन के उत्पादन के मामले में सबसे बड़ी उत्पादक है। यह लौह अयस्कों और कोयले की अपनी जरूरतों को अपने खदानों के जरिये ही पूरी कर लेती है।
कम कीमत
एक दौर था, जब स्टील की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में आसमान छू रही थीं। लेकिन आज इसी कीमत में 50 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है और यह 580 डॉलर प्रति टन के स्तर पर है। इसकी वजह से स्टील कंपनियों की कमाई पर जबरदस्त असर पड़ा, जिसके कारण उन्हें अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ी।
इस बात का अंदाजा जीएसपीएल के आंकड़ों को देखकर भी लगता है। पिछली तिमाही में कंपनी की बिक्री में दूसरी तिमाही के मुकाबले 19.6 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई, जबकि उसके स्टील कारोबार के शुध्द मुनाफा में भी 29 फीसदी की गिरावट आई।
इसकी वजह थी, उत्पादन में आई 11 फीसदी की कमी और दूसरी तिमाही से कम कमाई। हालांकि, कंपनी का कुल मुनाफा 900 करोड़ रुपये का था, जबकि दूसरी तिमाही में कंपनी को 780 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस मुनाफे की असल रही ऊर्जा कारोबार के जरिये हुई 575 करोड़ रुपये की मोटी-ताजी कमाई।
अब इस तिमाही में कंपनी स्टील उत्पादन 15 लाख टन के स्तर पर रह सकता है। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि इस दौरान उत्पादन 17 लाख टन रह सकता है। वैसे, यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अब भी ज्यादा होगा।
बढ़ता उत्पादन
इस वित्त वर्ष में कंपनी का उत्पादन 17-18 लाख टन तक चढ़ सकता है। इसकी वजह है कंपनी ने अपने प्लांटों के इस्तेमाल में इजाफा किया। साथ ही, उनकी क्षमता भी बढ़ दी। अगले साल के अंत तक उम्मीद है कि कंपनी अंगुल में अपनी परियोजना के पहले चरण की शुरुआत कर सकता है। इस फैक्टरी से 60 लाख टन स्टील प्रति वर्ष निकलेगा।
