भारतीय रिजर्व बैंक को ओवरनाइट परिवर्तनीय रीपो दर (वीआरआर) पर सुस्त प्रतिक्रिया मिली। रिजर्व बैंक को 50,000 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के लिए गुरुवार को 1,421 करोड़ रुपये मूल्य की नीलामी निविदाएं हासिल हुईं। बाजार प्रतिभागियों के अनुसार शुक्रवार को 2 लाख करोड़ रुपये की वीवीआर रकम वापस आनी है। इससे नीलामी की कम मूल्य की निविदाएं हासिल हुई थीं।
वरुण वैश्य बैंक के ट्रेजरी प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने बताया, ‘यह ओवरनाइट नीलामी थी और कल (शुक्रवार) को 2 लाख करोड़ रुपये की राशि वापस आनी है। इसलिए वीआरआर नीलामी की कोई मांग नहीं थी।’ उन्होंने बताया, ‘रिजर्व बैंक ने अनुमान लगाया होगा कि ओवरनाइट दरें आज ऊंची रहेंगी जिसके कारण संभवत: नीलामी हुई। उनका उद्देश्य स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी के दायरे में ओवरनाइट दर को रखना है – रीपो दायरे में रखना हो, न कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) के दायरे में।’
मौद्रिक नीति का संचालन लक्ष्य के अनुरूप भारित औसत कॉल दर (डब्ल्यूएसीआर) गुरुवार को 5.54 प्रतिशत पर स्थिर हुई थी जबकि पिछली दर 5.73 प्रतिशत थी। नीतिगत रीपो दर से 25 आधार अंक पर मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर है और यह नकदी समायोजन सुविधा के दायरे में है। इसमें रीपो दर से 25 नीचे स्टैंडिंग डिपॉजिट सुविधा है जो सबसे निचली सीमा है। अभी नीतिगत रीपो दर 5.5 प्रतिशत है।
भारतीय रिजर्व बैंक की बुधवार को हुई दो दिवसीय वीआरआर नीलामी में ओवरनाइट मनी मार्केट दर में गिरावट आई थी और यह एमएसएफ की 5.75 प्रतिशत से अधिक पर कारोबार कर रही थी। बाजार प्रतिभागियों के अनुसार वीआरआर नीलामी के जरिए बेहतर सामंजस्य स्थापिक किया जाना आवश्यक है। इसका कारण यह है कि इस सप्ताह नकदी के दबाव के कारण बड़े स्तर पर धन की निकासी हुई है। उन्होंने बताया कि अगले महीने रिजर्व बैंक को वीआआर की जरूरत नहीं भी हो सकती है। इसका कारण यह है कि महीने के आखिर में आमतौर पर सरकारी खर्च जोर पकड़ती है। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार बैंकिंग प्रणाली में बुधवार को 2.17 लाख करोड रुपये की अधिशेष नकदी थी।