वित्त-बीमा

आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी पर सेबी ने माना सरकार का अनुरोध

केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक की करीब 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है और इसकी प्राथमिक बोली के लिए आखिरी तारीख 7 जनवरी है।

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सुब्रत पांडा, खुशबू तिवारी
Last Updated- January 05, 2023 | 10:49 PM IST

बाजार नियामक ने आईडीबीआई बैंक में सरकारी हिस्सेदारी को सार्वजनिक शेयरधारिता के तौर पर दोबारा वर्गीकृत करने के सरकारी अनुरोध को मंजूर कर लिया है। लेकिन यह हिस्सेदारी बिक्री के बाद होगा। बैंक ने गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी अधिसूचना में यह जानकारी दी है।

इसके साथ शर्त है कि बैंक में सरकार का मतदान अधिकार कुल मतदान अधिकार का 15 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा। साथ ही सरकार को अपना इरादा नए खरीदार की तरफ से खुली पेशकश के लिए जारी दस्तावेज में बताना होगा कि उनकी हिस्सेदारी को सार्वजनिक शेयरधारिता के तौर पर फिर से वर्गीकृत कर दिया गया है।

विनिवेश के बाद बैंक को स्टॉक एक्सचेंजों में आवेदन देकर सरकारी हिस्सेदारी को सार्वजनिक शेयरधारिता की श्रेणी में वर्गीकृत करने के लिए कहना होगा। साथ ही नए खरीदार को एक साल के भीतर न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

अभी सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम के पास आईडीबीआई बैंक की 94 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है और उन्हें बैंक के सह-प्रवर्तक के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। सरकार के पास जहां 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं एलआईसी के पास 45.48 फीसदी और बाकी 5.28 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के तहत है।

केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक की करीब 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है और इसकी प्राथमिक बोली के लिए आखिरी तारीख 7 जनवरी है। कामयाब बोलीदाता को 5.28 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश लानी होगी।

सरकार इस बैंक की 30.48 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है, वहीं एलआईसी का इरादा 30.24 फीसदी हिस्सा बेचने का है। बिक्री के बाद सरकार के पास 18.76 फीसदी हिस्सा रह जाएगा जबकि एलआईसी के पास 15 फीसदी।

केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक की बाकी हिस्सेदारी को विनिवेश के बाद सार्वजनिक शेयरधारिता के तौर पर दोबारा वर्गीकृत करने का अनुरोध किया था क्योंकि वह प्रबंधन पर ​नियंत्रण छोड़ रही है और कॉरपोरेट गवर्नेंस के ​​नियमों का अनुपालन करने के लिए सामान्य शेयरधारक के तौर पर काम कर रही है।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने बाजार नियामक से यह भी अनुरोध किया है कि उनकी बाकी हिस्सेदारी को शुद्ध‍ रूप से वित्तीय निवेश माना जाए और उसके मुताबिक सार्वजनिक शेयरधारिता के तौर पर वर्गीकृत किया जाए, लेकिन इसके साथ शर्त यह है कि सरकार बैंक के कामकाज पर नियंत्रण नहीं रखेगी और उसके पास बैंक को लेकर कोई विशेष अधिकार नहीं होगा। साथही बैंक के बोर्ड में न तो उनका प्रतिनिधित्व होगा और न ही उसका कोई प्रबंधकीय अधिकारी।

इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, यह मंजूरी नए खरीदार को सहजता व भरोसा देने के लिए है कि फैसला लेने या कर्ज वितरण में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। हालांकि इस समय यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि क्या सरकार हिस्सेदारी का ​विनिवेश करेगी या सह-प्रवर्तक एलआईसी।

इस बारे में एलआईसी से कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई। बीएसई पर आज आईडीबीआई बैंक का शेयर 0.18 फीसदी चढ़कर 54.75 रुपये पर बंद हुआ।

First Published : January 5, 2023 | 10:42 PM IST