वित्त-बीमा

SBI अगले हफ्ते 15 साल के इंफ्रा बॉन्ड्स से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में

मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी द्वारा हाल में जारी किए गए नए दिशानिर्देशों से बॉन्ड बाजार में तेजी आई है।

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सुब्रत पांडा   
अंजलि कुमारी   
Last Updated- November 12, 2024 | 9:23 PM IST

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अगले हफ्ते तक 15 साल की अवधि वाले इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन बॉन्ड्स पर 7.15% से 7.18% के बीच कूपन रेट मिलने की उम्मीद है। हाल ही में लंबी अवधि वाले बॉन्ड्स के लिए घरेलू बाजार में अच्छी मांग देखी गई है।

मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि सेबी द्वारा हाल में जारी किए गए नए दिशानिर्देशों से बॉन्ड बाजार में तेजी आई है। सेबी ने स्पष्ट किया है कि अब हर बॉन्ड इश्यू के लिए बोर्ड से मंजूरी की जरूरत नहीं है, बल्कि इश्यू शुरू करने से पहले बोर्ड को सूचित करना अनिवार्य है। इस स्पष्टता के बाद बॉन्ड इश्यूज में बढ़ोतरी देखी जा रही है, और नवंबर में बॉन्ड की सप्लाई में भी इजाफा हुआ है।

विशेषज्ञों की राय

रॉकफोर्ट फिनकैप के संस्थापक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन का कहना है, “SBI के इन बॉन्ड्स की मांग मजबूत रहने की उम्मीद है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बड़े निवेशकों के पास निवेश सीमा उपलब्ध है या नहीं, क्योंकि SBI इस वित्त वर्ष में पहले ही 20,000 करोड़ रुपये के इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स जारी कर चुका है।”

SBI ने पिछले सप्ताह अपनी दूसरी तिमाही के नतीजों के दौरान बताया था कि केंद्रीय बोर्ड से 20,000 करोड़ रुपये तक के लॉन्ग-टर्म बॉन्ड्स जारी करने की मंजूरी मिल चुकी है। बैंक इन्हें सार्वजनिक या निजी रूप से जारी कर सकता है।

इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स का महत्व

SBI ने जून में 15 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स के जरिए 10,000 करोड़ रुपये 7.36% ब्याज दर पर जुटाए थे और इसके बाद एक और 10,000 करोड़ रुपये इसी दर पर जुटाए। इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स से जुटाई गई राशि बैंकों के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि इसे रिजर्व आवश्यकताओं से छूट मिलती है। जबकि जमा राशि के रूप में जुटाई गई रकम में से बैंकों को 4.5% CRR और 18% SLR में रखना पड़ता है, इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स की रकम का पूरा उपयोग लोन देने में किया जा सकता है।

अन्य बैंकों का रुख

SBI के अलावा, इस वित्त वर्ष में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, और इंडियन बैंक जैसे सरकारी बैंकों ने भी इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के जरिए बड़े पैमाने पर फंड जुटाए हैं। फेडरल बैंक जैसे निजी बैंक भी अपने पहले इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड्स के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटा चुके हैं, जिसमें 7.76% का कूपन रेट रखा गया है।

REC और IRFC ने भी बढ़ाया कदम

हाल ही में, REC ने 15 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स के जरिए 3,000 करोड़ रुपये 7.09% पर जुटाए। इसी तरह, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) ने 15 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स के जरिए 1,415 करोड़ रुपये 7.14% के कूपन रेट पर जुटाए।

First Published : November 12, 2024 | 9:23 PM IST