भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि SBI, HDFC बैंक और ICICI बैंक घरेलू स्तर पर वित्तीय प्रणाली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक बने हुए हैं। देश में वित्तीय प्रणाली के स्तर पर ये इतने बड़े बैंक हैं कि ये ‘डूब’ नहीं हो सकते।
रिजर्व बैंक को अगस्त, 2015 से हर साल इसी महीने में वित्तीय प्रणली के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंकों के नामों की जानकारी देने की जरूरत होती है। नियमों के अनुसार, ऐसे संस्थानों को प्रणाली के स्तर पर महत्व (एसआईएस) के आधार पर चार श्रेणी में रखा जा सकता है।
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि जहां ICICI बैंक पिछले साल की तरह ही श्रेणी आधारित संरचना में बना हुआ है, वहीं SBI और HDFC बैंक उच्च श्रेणी में चले गए हैं। SBI श्रेणी (बकेट) तीन से श्रेणी चार में स्थानांतरित हो गया और HDFC बैंक श्रेणी एक से श्रेणी दो में स्थानांतरित हो गया। इसका मतलब है कि बैंकों को जोखिम भारांश परिसंपत्तियों (आरडब्ल्यूए) के प्रतिशत के रूप में अतिरिक्त सामान्य इक्विटी शेयर पूंजी (टियर 1) को पूरा करना होगा।
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घरेलू स्तर पर व्यवस्था के लिहाज से महत्वपूर्ण बैंक (डी-एसआईबी) को लेकर एक अप्रैल, 2025 से SBI के लिए अधिभार 0.8 प्रतिशत होगा। वहीं HDFC बैंक के लिए 0.4 प्रतिशत होगा। RBI ने कहा कि इसीलिए 31 मार्च, 2025 तक SBI और HDFC बैंक के लिये डी-एसआईबी अधिभार क्रमश: 0.6 प्रतिशत और 0.20 प्रतिशत होगा।