facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

IRDAI के आदेश पर सैट की रोक

चेयरपर्सन सलूजा को निर्देश दिया गया है कि वह मौजूदा ईसॉप का इस्तेमाल न करे

Last Updated- August 09, 2024 | 10:48 PM IST
IRDAI

प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने शुक्रवार को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा और उसकी सहायक केयर हेल्थ के खिलाफ बीमा नियामक आईआरडीएआई के आदेश पर रोक लगा दी। यह मामला एम्पलॉई स्टॉक ऑनरशिप (ईसॉप) के आवंटन से संबंधित है। यह स्थगन अंतिम फैसले तक लागू रहेगा।

हालांकि पंचाट ने सलूजा पर पाबंदी लगाई की कि वह केयर हेल्थ से आवंटित ईसॉप्स का इस्तेमाल न करे और न ही अंतिम फैसले तक अपने शेयर बेचे। सैट ने कहा कि रश्मि सलूजा केयर हेल्थ के 75,69,685 शेयर किसी भी तरह न बेचें और इन शेयरों के मामले में यथास्थिति बनाए रखें। साथ ही, केयर हेल्थ से यह कहा गया कि वह सलूजा को और ईसॉप्स जारी न करे। फर्म को जुर्माने की 50 फीसदी रकम चार हफ्ते के भीतर जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है।

सैट आईआरडीएआई के जुलाई के आदेश के खिलाफ सलूजा और केयर हेल्थ की अपील की सुनवाई कर रहा है। उसने फर्म पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है और कंपनी से कहा है कि वह सलूजा को आवंटित 45.32 रुपये के भाव पर आवंटित 76.6 लाख शेयर 30 दिन के भीतर फिर से खरीदे। आदेश में केयर हेल्थ से कहा गया है कि वह सलूजा को दिए शेयर रद्द करे और न लिए गए शेयर विकल्प रदद् कर दे। साथ ही आगे और आवंटन तथा मंजूरी पर भी पाबंदी लगाई गई है।

सलूजा के वकील ने तर्क दिया कि आईआरडीएआई के आदेश से पहले उन्हें न तो नोटिस दिया गया और न ही सुनवाई का मौका दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि केयर की पारिश्रमिक समिति ने सलूजा को होल्डिंग कंपनी के कर्मचारी होने के नाते ईसॉप्स दिए थे और बाद में शेयरधारकों ने भी इसकी मंजूरी दी थी। वकील ने कहा कि रेलिगेयर के कई अधिकारियों को केयर से 2014 व 2020 के बीच ईसॉप्स मिले थे और आईआरडीएआई ने सलूजा पर कोई आरोप नहीं
लगाया था।

आईआरडीएआई के प्रतिनिधि ने दलील दी कि नियामक का आदेश केयर व उसके पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि आईआरडीएआई प्रवर्तक कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशकों के इक्विटी लिंक्ड बेनिफिट पर रोक लगाता है क्योंकि इससे हितों का टकराव खड़ा होता है और अत्यधिक जोखिम को प्रोत्साहन मिलता है।

वकील ने तर्क दिया कि आईआरडीएआई ने सलूजा को केयर की तरफ से ईसॉप्स जारी करने से जुड़े आवेदन को पहले ही खारिज कर दिया था और फर्म ने इस निर्देश का उल्लंघन किया। सैट ने जबाव और रीज्वाइंडर के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।

First Published - August 9, 2024 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट