बीमा नियामक IRDAI की फटकार के बाद निजी क्षेत्र के ऐक्सिस बैंक ने मंगलवार को कहा कि उसने मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज के साथ संशोधित करार किया है, जिसके जरिए वह मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की बाकी 7 फीसदी इक्विटी का अधिग्रहण उचित बाजार कीमत पर करेगा।
इसमें आयकर नियम 1962 के नियम 11 यूए के मुताबिक मूल्यांकन के बजाय डिस्काउंटेड कैश फ्लो का इस्तेमाल किया जा रहा है। बैंक ने एक्सचेंजों को भेजी सूचना में कहा, यह संशोधन मैक्स लाइफ को बीमा नियामक की तरफ से मिले दिशानिर्देश के मुताबिक किया गया है।
IRDAI ने ऐक्सिस बैंक व मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पर जुर्माना लगाया था क्योंकि नियामक ने मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज व ऐक्सिस बैंक (और उसकी सहायकों) के बीच मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के शेयरों के हस्तांतरण से संबंधित लेनदेन में अपने कुछ निश्चित निर्देशों का उल्लंघन पाया था। मैक्स लाइफ को जुर्माने के तौर पर 3 करोड़ रुपये और ऐक्सिस बैंक को जुर्माने के तौर पर 2 करोड़ रुपये चुकाने को कहा गया था।
अपने आदेश में बीमा नियामक ने कहा था कि मैक्स लाइफ इंश्योरेंस की प्रवर्तक मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज ऐक्सिस बैंक को उस कीमत पर बीमा कंपनी के शेयर हस्तांतरित कर रही थी, जो उचित बाजार मूल्यांकन से काफी कम है और बैंक से उन्हीं शेयरों की खरीद काफी ऊंची कीमत पर की।
ऐक्सिस बैंक ने 166 रुपये प्रति शेयर पर 0.998 फीसदी इक्विटी बेची थी। इसके बाद ऐक्सिस बैंक व उसकी समूह कंपनियों ने 22 दिन के भीतर 31.51 से 32.12 रुपये के कीमत दायरे में 12.002 फीसदी शेयर खरीदे, जो आयकर नियम 1962 के नियम 11 यूए में परिकल्पित मूल्यांकन पर आधारित था।