भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को कहा कि वह 10 फरवरी को 50,000 करोड़ रुपये की 14-दिवसीय वेरिएबल रेट रीपो ऑक्शन यानी प्रतिवर्ती रीपो दर की नीलामी करेगा। केंद्रीय बैंक 22 सितंबर, 2022 के बाद से पहली बार रीपो नीलामी कर रहा है।
आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यह रीपो नीलामी 24 फरवरी को समाप्त होगी। जब केंद्रीय बैंक 14-दिवसीय रीपो नीलामी जैसे कदम उठाता है तो वह बैंकिंग व्यवस्था में अल्पावधि नकदी डालता है।
बड़े आकार के लॉन्ग-टर्म ऑपरेशंस (एलटीआरओ) और टारगेटेड लॉन्ग-टर्म रीपो ऑपरेशंस (टीएलटीआरओ) की नियमित बिकवाली की वजह से आगामी दिनों में बैंकिंग व्यवस्था में तरलता कमजोर पड़ती दिख रही है।
आरबीआई ने भारत में कोविड संकट के समय में नकदी तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयास में वर्ष 2020 के शुरू में इस तरह के रीपो ऑपरेशन आयोजित किए थे।
आरबीआई के आंकड़े के अनुसार, 499 करोड़ रुपये के एलटीआरओ 16 फरवरी को परिपक्व हो रहे हैं। अगले दो महीनों में परिपक्वताएं काफी ज्यादा हैं और 13,018 करोड़ रुपये के एलटीआरओ तथा टीएलटीआरओ मार्च में भुनाए जाने हैं तथा 61,131 करोड़ रुपये की बिकवाली अप्रैल में होनी है। अप्रैल के अंत तक करीब 74,648 करोड़ रुपये के एलटीआरओ और टीएलटीआरओ परिपक्व (Mature) होंगे।
मार्च में बिकवाली वित्त वर्ष की समाप्ति के साथ होनी होनी, जिसे बैंकों के लिए परिसंपत्ति देनदारी प्रबंधन के मोर्चे पर बेहद व्यस्त समय माना जाता है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के निदेशक सौम्यजीत नियोगी ने कहा, ‘मेरा मानना है कि आगामी दिनों में तरलता की कमी दूर करने के लिए वीआरआर प्रमुख माध्यम होगा, और आरबीआई दीर्घावधि के वीआरआर पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। हालांकि यदि ऋण के लिए मांग ऊंची बनी रही और बीओपी (बैलेंस ऑफ पेमेंट) पर दबाव बना रहा, तो ऋण बाजार को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।’