स्वास्थ्य बीमा और अन्य सामान्य पॉलिसियां अब फोटो स्टूडियो, ग्रॉसरी स्टोर यानी परचून की दुकान और यहां तक कि टेलीफोन बूथ से भी खरीदी जा सकेंगी।
साधारण बीमा कारोबार में लगी कंपनियों का मानना है कि इस कदम से भारत कम बीमा घनत्व को बढ़ाया जा सकेगा जो अभी 0.60 फीसदी है ( जीडीपी की तुलना में)। इरडा द्वारा वितरण चैनलों पर बनाई गई एन एन गोवर्धन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में साधारण बीमा कंपनी के लिए सबसे बड़ी चुनौती जो बताई गई है, वह है अपने उत्पादों को बेचने के लिए एजेंटों को पाना।
लोग साधारण जीवन बीमा कंपनी के एजेंट बनना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि इसमें काफी कम कमीशन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त्तीय वर्ष 2005-06 में जहां 40,551 एजेंट को साधारण बीमा कंपनियों द्वारा लाइसेंस मिला वहीं जीवन बीमा कंपनियों का लाइसेंस प्राप्त करने वालों की संख्या 7,21,696 रही।
इरडा के एक अधिकारी ने कहा कि हमें कुछ अलग सोचने की जरूरत है और इसके लिए एक वैकल्पिक चैनल की आवश्यकता है। यदि टेलीकॉम कंपनियां ग्रॉसरी स्टोर्स, फुटकर दुकानों और अन्य छोटे आउटलेट का इस्तेमाल करती हैं तो बीमा कंपनियां क्यों नही कर सकती हैं। निजी क्षेत्र के साधारण बीमा कंपनियां पहले से ही नए वितरण चैनलों का इस्तेमाल करनें लगी हैं।
बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस कंपनी पायलेट आधार पर एक सेल्स कॉनसेप्ट शुरू किया है जिससे कंपनी ग्राहकों के दरवाजे तक अपने उत्पाद बढ़ सके। बजाज एलायंज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वराज कृष्णन ने कहा कि हम इस बारे में कुछ मेडिकल फार्मेसी चैनलों से बात कर रहे हैं ताकि हम वहां से अपने स्वास्थ्य बीमा और होम इंश्योरेंस उत्पाद बेंच सकें।
उन्होंने कहा कि मोटर इंश्योरेंस केलिए तेल कंपनियों से बात चल रही है जो अपने आउटलेट से ये उत्पाद बेचेंगी। कृष्णन ने कहा कि सेल्स प्वाइंट जल्द ही दिल्ली में होगा जहां पर कंपनी के एजेंट ग्राहकों के दरवाजों पर जाएंगे और साथ में एक गजट होगा जो एक ब्लैकबेरी की तरह होगा। प्रत्येक मशीन की लागत करीब 50,000 रुपए पड़ेगी।
कंपनी इस मशीन की आपूर्ति अपनी सभी शाखाओं में करना चाहती है लेकिन सिर्फ दो कोरियाई कंपनियों द्वारा इस मशीन का निर्माण करने की वजह से कंपनी को मशीन की कमतरता का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योंरेंस के स्वास्थ्य और मोटर पॉलिसियां दोनों फोटो स्टूडियो और मॉल के जरिए बेची जाऐंगी।
टी नगर चेन्नई में एक छोटे फोटो स्टूडियो इन पॉलिसियों को बेच भी रहा है। सिर्फ ग्राहकों को अपना नाम, नॉमनी का नाम और पता देने की जरूरत होगी और किसी भी प्रकार की इंवेस्टीगेशन की जरूरत नहीं होगी। पिछले दो महीनों के दौरान इस दुकान से 50 से भी अधिक पॉलिसियां बेचीं जा चुकी हैं।