वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में पकड़े गए 500 रुपये के नकली नोटों (नोटबंदी के तहत बंद किए गए नोटों को छोड़कर) की संख्या उससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 37.35 प्रतिशत बढ़ गई। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 में 500 रुपये के 85,711 नकली नोट पकड़े गए थे, लेकिन पिछले वित्त वर्ष में संख्या बढ़कर 1,17,722 हो गई। रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 से अभी तक यह सर्वाधिक संख्या रही।
दिलचस्प है कि पिछले कुछ साल से नकली नोटों की संख्या घट रही है। पिछले वित्त वर्ष में कुल 2,17,396 नकली नोट ही पकड़े गए, जबकि 2023-24 में 2,22,638 नकली नोट पकड़े गए थे। हालांकि 200 रुपये के पकड़े गए नकली नोट 13.9 प्रतिशत बढ़कर 32,600 हो गए मगर 100 रुपये के केवल 51,060 जाली नोट पकड़े गए, जो 2023-24 की तुलना में 23 प्रतिशत कम रहे।
वित्त वर्ष में 2,000 रुपये के 3,508 नकली नोट पकड़े गए, जबकि 2023-24 में ऐसे 26,035 नोट पकड़े गए थे। उस साल 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के कारण नकली नोट बढ़ गए थे। रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने का फैसला 19 मई, 2023 को लिया था। उस दिन इन नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था, जो 30 अप्रैल, 2025 को घटकर 6,266 करोड़ रुपये रह गया। रिजर्व बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 19 मई, 2023 तक प्रचलन में रहे 2,000 रुपये के नोट में से 98.24 प्रतिशत वापस आ चुके हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने नवंबर, 2024 में लोक सभा के सत्र में बताया था कि नई महात्मा गांधी सीरीज के 500 रुपये के पकड़े गए नकली नोट की संख्या 2023-24 में बढ़कर 85,711 हो गई, जो 2018-19 में 21,865 ही थी। उस वित्त वर्ष में 2,000 रुपये के 26,035 नकली नोट पकड़े गए, जबकि 2018-19 में ऐसे 21,847 नोट ही पकड़े गए थे।